Topchachi : तोपचांची (Topchachi) तोपचांची झील में आने वाले सैलानियों के समक्ष सबसे बड़ी परेशानी शौचालय की होती थी. भीड़-भाड़ वाले समय में उन्हें शर्मसार होना पड़ता था. गिरीडीह के पूर्व सांसद रवींद्र कुमार पांडेय और टुंडी के पूर्व विधायक स्वर्गीय राजकिशोर महतो की पहल पर झील परिसर में लगभग 36 लाख की लागत से महिला और पुरुष शौचालय का निर्माण कराया गया. विडम्बना यह है कि पूरे कोयलांचल को पानी का आपूर्ति करने वाली झील के किनारे इन शौचालयों को पानी नहीं मिलता है. पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण दोनों शौचालय बंद पड़े हैं. एक मोटर पंप नहीं होने के कारण सैलानियों से यह सुविधा छिन गई है. शौचालय का निर्माण 2018 में हुआ और चार वर्ष बाद भी वह बंद पड़ा है. शौचालय के ऊपर बड़ी बड़ी टंकियां रखी हैं, मगर पानी नहीं है.
झील की सुंदरता पर बदनुमा दाग हैं ये शौचालय
चारों ओर पहाड़ों से घिरी झील की छटा सैलानियों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ती. झील का निर्माण अंग्रेजों के समय में कराया गया था. देश विदेश के सैलानी यहां पहुंचते हैं और मन मुताबिक आनंद लेते हैं. कई फिल्मों की यहां शुटिंग हो चुकी है. बॉलीवुड के अभिनेत-अभिनेत्रियों को भी झील ने आकर्षित किया है. परंतु शौचालय की बदतर हालत ने झील की सुंदरता पर बदनुमा दाग लगा रखा है.
बांग्लादेश से घूमने आए एक सैलानी जाकिर ने कहा कि झील की वजह से यह पूरा इलाका सुन्दर एवं आकर्षक लगता है. परन्तु शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी होती है. अगर शौचालय चालू हो जाता तो और भी अच्छा लगता.
संबंधित विभाग से कहा जाएगा: डीसी
धनबाद उपायुक्त संदीप कुमार सिंह ने कहा कि शौचालय का निर्माण करनेवाले संबंधित विभाग से कहा जाएगा. वही व्यवस्था करे, शौचालय को चालू करे, ताकि लोग उसका इस्तेमाल कर सकें.
जिला परिषद में भी उठाया था मुद्दा : विकास महतो
जिप सदस्य विकास महतो कहते हैं कि शौचालय के मुद्दे को लेकर जिला परिषद एवं अधिकारियों के समक्ष उठाया. देश में स्वच्छ भारत मिशन चलाया जा रहा है. परंतु तोपचांची झील में मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. झील के प्रवेश द्वार पर प्रत्येक वाहन से शुल्क वसूला जाता है. मगर शौचालय के लिए पानी की व्यवस्था के लिए कोई फंड ही नहीं है. शौचालय को चालू नहीं कराया गया तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा.
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