Dhanbad: धनबाद उपायुक्त ने बुधवार को विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. डीसी ने सभी विभाग के पदाधिकारियों से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) और माइनिंग विभाग को आपस में समन्वय रखकर कोयला परिवहन पर पैनी निगाह रखने की बात कही.
ई-चालान की वैलिडिटी जांचना जरूरी
DC ने कहा कि कोयला व्यापारी जीएसटी का भुगतान तो करते हैं, लेकिन इसके बाद कोयला कई बार बिना वैध कागजातों के एक हाथ से दूसरे हाथ में बिकता चला जाता है. जबकि कोयला बिना वैध कागजातों के ट्रांसपोर्ट नहीं किया जा सकता. इसलिए हर ई-चालान की वैलिडिटी जांचना जरूरी है. कई बार जांच के दौरान जीएसटी और माइनिंग चालान में भारी अनियमितता उजागर होती है. इससे राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है. इसलिए जीएसटी और माइनिंग विभाग लगातार समन्वय स्थापित कर अपने-अपने डाटा को आपस में शेयर कर उसका मिलान करें. डीसी ने परिवहन विभाग की समीक्षा की. उन्होंने रजिस्ट्रेशन से प्राप्त राजस्व का अलग-अलग ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
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बकायेदारों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश
नगर निगम की समीक्षा के दौरान उन्होंने वाटर कनेक्शन की संख्या, प्राप्त राजस्व और बड़े बकायेदारों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उपायुक्त ने कहा कि होल्डिंग टैक्स और अन्य यूजर चार्जेस का ब्यौरा प्राप्त होने पर वसूली एजेंसी की कार्यक्षमता का पता चलेगा. जीएसटी विभाग के पदाधिकारी ने बताया कि विभाग ने एक नया मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है. इसमें वाहन का नंबर टाइप करते ही वाहन के संबंध में सारी जानकारियां विभाग को मिल जाएंगी. साथ ही वाहन कितने टोल प्लाजा से गुजरा है और उसपर कौन सा टैक्सेबल गुड्स है, इसकी भी जानकारी मिल जाएगी. बताया कि अब तक जीएसटी चोरी करने के आरोप में 38 वाहन को सीज किया गया है. उनसे 21 लाख 61 हजार रुपया टैक्स के रूप में वसूला गया है.
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