Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) बीएसएस महिला कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य-शिक्षक का विवाद अब विश्वविद्यालय की चौखट तक जा पहुंचा है. 8 सितंबर गुरुवार को बीएसएस महिला कॉलेज का प्रतिनिधिमंडल कॉलेज की वरीय शिक्षिका डॉ उषा शर्मा के नेतृत्व में कुलपति डॉ सुखदेव भोई से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने कॉलेज की तदर्थ कमेटी की सचिव डॉ पुष्पा कुमारी पर मनमाने तरीके से कॉलेज चलाने का आरोप लगाया. कम योग्यता वाले जूनियर शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाने का मामला भी उठाया. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कुलपति ने डॉ पुष्पा कुमारी से भी जानकारी ली और उन्हें कई निर्देश दिए. कुलपति ने प्रतिनिधिमंडल को जल्द ही सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में डॉ जीएन मिश्रा, बीके ठाकुर, आर के शर्मा आभा वीरेंद्र अकिंचन, डॉ दिलीप सिन्हा आदि शामिल थे.
जूनियर को प्रभारी प्राचार्य बनाने पर आपत्ति
बता दें कि सचिव डॉ पुष्पा कुमारी ने वर्तमान प्राचार्य डॉ करुणा की लंबी छुट्टी की वजह से डॉ सुबोध कुमार को प्रभारी प्राचार्य नियुक्त किया है. हालांकि वरीयता में उनका क्रमांक 20 शिक्षकों के बाद है. शिक्षकों के अनुसार कॉलेज की सबसे वरीय शिक्षिका डॉ उषा शर्मा हैं. उनकी नियुक्ति वर्ष 1983 में हुई, जो डॉ सुबोध कुमार से 10 वर्ष सीनियर हैं. डॉ वीणा दयाल, डॉ मृत्युंजय सिंह, डॉ आरके शर्मा, सुषमा मिश्रा जैसी 20 से अधिक शिक्षक शिक्षिका डॉ सुबोध से सीनियर हैं. प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिक्षकों का आरोप है कि शासी निकाय की मीटिंग के बाद विश्वविद्यालय के अनुमोदन के बिना ही सचिव मीटिंग में पारित प्रस्ताव को लागू कर देती हैं, जो तकनीकी दृष्टि से गलत है.
सभी के कागजात में है गड़बड़ी : कुलपति
कुलपति डॉ सुखदेव भोई ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल की शिकायत पर उन्होंने सचिव डॉ पुष्पा कुमारी से जानकारी ली. उन्होंने बताया कि डॉ सुबोध कुमार को छोड़कर सभी वरीय शिक्षकों के कागजात में गड़बड़ी है. इस वजह से डॉ सुबोध कुमार को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है. लगातार के संवाददाता द्वारा कुलपति से यह पूछे जाने पर कि जब सभी वरीय शिक्षकों के कागजात में गड़बड़ी है, तो वेतन, अनुदान सहित कॉलेज से मिलने वाले लाभ वे कैसे ले रहे हैं. जवाब में कुलपति ने कहा कि यह देखना गवर्निंग बॉडी का काम है.
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