Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) देवोत्थान एकादशी 3 नवंबर गुरुवार की शाम 7:30 मिनट से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन 4 नवंबर शुक्रवार को शाम 6:08 पर होगा. उदया तिथि के आधार पर एकादशी का व्रत 4 नवंबर को रखा जाएगा. मान्यता है कि देवोत्थान व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसीलिए सभी एकादशियों में इस व्रत का विशेष महत्व है. इसी दिन चतुर्मास का समापन होगा. चार माह से सोये भगवान जग जाएंगे और विवाह व मंगलिया कार्य प्रारंभ हो जाएंगे. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी. शहर के गोल्फ ग्राउंड स्थित खंडेश्वरी मंदिर में इस दिन लोग पूजा अर्चना करने आते हैं. तथा कई महिलाएं कथा भी कराती हैं.
4 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा सुबह 6:35 से 10:42 मिनट पर होगी. सुबह 7:57 से 9:20 तक लाभ उन्नति मुहूर्त व सुबह 9:20 से 10:42 तक अमृत मुहूर्त है. खंडे़श्वरी मंदिर के पुजारी राकेश पांडेय के अनुसार भगवान विष्णु आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी से निद्रा में चले जाते हैं और 4 माह बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं. इसलिए इस दिन को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. भगवान विष्णु की निद्रावस्था में 4 माह तक सभी तरह के मंगल कार्य पर रोक लग जाती है.
इसी दिन भगवान विष्णु और तुलसी का विवाह कराया जाता है. लोग अपने अपने घरों में तुलसी के पौधे की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करने के बाद विवाह संपन्न कराते हैं और परिवार के सदस्यों के बीच प्रसाद वितरण करते हैं. इस बार उदया तिथि के अनुसार 5 नवंबर शनिवार को तुलसी विवाह कराया जाएगा.
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