Ram murti Pathak
Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) एक समय था जब ‘पति-पत्नी और वो’ का जुमला तेजी से चला. बाद में ‘सास भी कभी बहू थी’ सीरियल ने धमाल मचाया,, लोकप्रियता के शिखर पर पहुंची. लेकिन अब तो नजारा ही कुछ और दिखता है. इस साल मात्र 11 महीने में यहां के महिला थाने में पांच सौ से अधिक ऐसे मामले आये, जो पति-पत्नी और सास-बहू के बीच कटुता और खटास से भरे थे. घरों के किचन में अब बेलन नहीं चलते ,बल्कि चलती है जुबान की कैंची और मामला सीधा रुख करता है थाने को.
मामलों पर गौर किया जाए तो अधिकतर विवाद में सास की बहू से पटरी नहीं बैठ रही है तो पति महाशय किसी कारण पत्नी को फूटी आंख नहीं देखना चाहते हैं. कुछ पत्नियां भी पति के चाल-चलन से नाराज होकर बराबर झगड़ती रहती हैं. पति पत्नी में कोई ताल मेल ही नहीं होता. इसके अलावा यौन शोषण के मामलों की भी कमी नहीं है. इस वर्ष नवंबर माह तक ऐसे लगभग 320 मामले थाना में दर्ज हो चुके हैं. धनबाद महिला थाना में चालू वर्ष के जनवरी से नवंबर तक सास-बहू और पति-पत्नी के बीच विवाद के लगभग 500 मामले आ चुके हैं.
कभी समझा कर तो कभी कड़ाई से सुलझता है विवाद
जानकारी के अनुसार सास बहू के बीच का विवाद, पारिवारिक संस्कार के नाम पर परेशान करने का आरोप, पति पत्नी के बीच अहंकार तो लड़कियों के यौन शोषण, प्यार और तकरार के मामले ज्यादा परेशान करनेवाले हैं. पुलिस को ऐसे मामले में भारी मशक्कत करनी पड़ती है. कम उम्र की लड़कियों के मामले में उन्हें समझाना-बुझाना पड़ता है. लिव-इन रिलेशन के मामलों में भी कभी समझा-बुझा कर और कभी कड़ाई से काम लेना पड़ता है. महिला पुलिस अधिकारी का कहना है कि अधिकतर मामलों को समझा-बुझाकर निपटाने का प्रयास किया जाता है, परंतु कभी कानून का भी डर दिखाना पड़ता है.
आरोपी नहीं आए तो होती है स्पॉट पर जांच
महिला थाना प्रभारी कुमारी विशाखा का कहना है कि प्रतिदिन सास बहू, पति पत्नी, गोतनी के झगड़े का मामला आता रहता है. कभी यौन शोषण से पीड़ित लड़कियां या युवतियां भी समस्या लेकर आती हैं. उन्होंने बताया कि महिला थाना में जो भी आवेदन आते हैं, उनमें दोनों पक्ष को थाना बुलाकर उनकी काउंसेलिंग की जाती है. आरोपी को तीन नोटिस भेजा जाता है. इसके बाद भी आरोपी उपस्थित नहीं होता है तो थाना से टीम स्पॉट पर जाकर जांच करती है. फिर दूसरे पक्ष के कहने पर एफ आई आर दर्ज की जाती है.
हर रोज आते हैं पारिवारिक विवाद के 7-8 मामले
महिला थाना में प्रतिदिन लगभग 7 से 8 मामले पारिवारिक विवाद के आते हैं. कोई सुलझ जाता है, तो कोई और ज्यादा उलझ जाता है. परिवारिक रिश्तों में खटास आ जाता है तो उन्हें समझाना आसान नहीं होता. सास को बहू को ननहीं बन रही है, तो बहू को सास के ताने पसंद नहीं हैं. इन उलझनों को सुलझाने में महिला थाना लगा रहता है.
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