बीपीआरडी के गाइडलान का नहीं हो रहा अनुपालन, शहर में 950 वाहनों की जगह प्रति जवान 8571 वाहनों का है अनुपात
राममूर्ति पाठक
Dhanbad : देश की कोयला राजधानी धनबाद सड़क जाम से बेदम होने लगी है. स्कूली बच्चे हों या कामकाज़ी लोग हर रोज दिन का एक निश्चित समय सड़क जाम की भेंट चढ़ता है. ट्रैफिक पुलिस जवानों की कमी के कारण ये समस्या और नासूर बनती जा रही है. श्रमिक चौक, गया पुल, सिटी सेंटर चौक, बैंक मोड़ चौक, सरायढेला चौक, कोर्ट मोड़ कैंप्स के पास ट्रैफिक पुलिस रहती है. ट्रैफिक पुलिस के यह जवान गप्पे लड़ाते या फिर चलान काटने में मशगुल दिखते हैं.
शहर में 40 जवानों के भरोसे ट्रैफिक व्यवस्था
वर्ष 2007 में शहर में 52 ट्रैफिक पुलिस कर्मी थे. 2022 में यह संख्या 40 हो गई. वहीं 2023 में 55 ट्रैफिक जवान है. ट्रैफिक डीएसपी राजेश कुमार ने कहा कि शहर में अभी 40 पुलिसकर्मियों के भरोसे ही ट्रैफिक व्यवस्था चल रही है. 15 जवान श्रावणी मेले में गए है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ करने की दिशा में पहल चल रही है.
बीपीआरडी के तहत सी कैटेगरी में आता है धनबाद
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) की गाइडलाइन के मुताबिक 50 लाख की आबादी और 20 लाख वाहन वाले शहर को ए कैटेगरी में रखा गया है. इसी तरह 20 से 50 लाख की आबादी और 8 से 20 लाख वाहन वाले शहर को बी कैटेगरी में रखा गया है. 30 लाख से कम आबादी और 8 लाख से कम वाहनों की संख्या वाला शहर सी कैटेगरी में शामिल है. धनबाद जिला की आबादी लगभग 30 लाख और वाहनों की संख्या 7 लाख है. यानी धनबाद सी कैटेगरी में आता है. सी कैटेगरी में ट्रैफिक पुलिस के लिए 36 तरह के उपकरण देने का सुझाव है. जिसमें ट्रैफिक सिग्नल, वायरलेस, एंबुलेंस, इलेक्ट्रिक कटर आदि शामिल हैं.
बीपीआरडी की गाइडलाइन का भी नहीं हो रहा अनुपालन
बीपीआरडी के मुताबिक सी कैटेगरी वाले शहर में 950 वाहनों पर एक जवान की तैनाती होनी चाहिए. जबकि धनबाद का अनुपात एक जवान पर 8571 वाहनों का है. बीपीआरडी के मानकों के मुताबिक यहां जवानों की संख्या कम से कम 631 होनी चाहिए. धनबाद में फिलहाल 50 जवान ही तैनात हैं. बता दे कि वर्ष 2007 में ही पुलिस परिहवन मुख्यालय ने जिले में ट्रैफिक पुलिस के लिए 260 स्वीकृत पद रखा था. इसमें 200 सिपाही, 50 हवलदार और 10 पदाधिकारी थे.
सड़कों पर गड्ढ़े का अंबार
शहर में सड़को की सूरत बिगड़ गई है. एक ही जगह पर 3 से 4 गड्ढे बन गए है. बरसात में जलजमाव लोगों के लिए मुसीबत साबित होती है. ऊपर से जाम की समस्या आफत बन जाती है. बैंक मोड़ बिरसा चौक से लेकर श्रमिक चौक और बरवाअड्डा मेमको मोड़ तक 150 से अधिक छोटे-बड़े गड्ढे है. सड़क पर बने गड्ढों ने वाहनों की रफ्तार रोक दी है. हर दिन लोगो को घंटो जाम का सामना करना पड़ रहा है. सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक स्थिति काफी विकट हो जाती है. गाड़ियां रेंगती रहती हैं. 10 मिनट की दूरी तय करने में लोगो को 25 से 30 मिनट का समय लग जा रहा है. सबसे अधिक परेशानी स्कूलों बच्चो को उठानी पड़ रही है.
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