मोहल्लों में कृत्रिम तालाब व घर की छत पर टंकी बना अर्घ्य देते हैं व्रती
Dhanbad : धनबाद शहर सहित पूरा कोयलांचल छठी मईया की भक्ति में लीन है. हर ओर लोक आस्था का महापर्व छठ की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है. कांच ही बांस के बाहंगिया…, उग हो सूरज देव भइल अरघ के बेर… जैसे छठ के पारंपरिक गीतों से घर-मोहल्ले गुलजार हैं. अब नई पीढ़ी भी इस महापर्व पर शुद्धता का विशेष ध्यान दे रही है. जलाशयों में गंदगी की वजह से धीरे-धीरे मोहल्लों व सोसायटी में ही छठ मनाने का प्रचलन शुरू हो गया है. लोग अपनी सोसायटी में कृत्रिम जलाशय का निर्माण कर पूजा करते हैं. कुछ लोग अपने घर की छत पर ही पानी टंकी बनाकर या प्लास्टिक का टब रख छठ पूजा करते हैं.
छठ की तैयारी में जुटी बैंक मोड़ निवासी संगीता जयसवाल ने बताया कि प्रशासनिक तौर पर समाज में सब कुछ ठीक नहीं हो सकता है. नदी-तालाब गंदगी की बात किसी से छुपी नहीं है. दामोदर हो या शहर का कोई भी तालाब, सभी में नाली का पानी सालों भर गिरता है. छठ के समय तो सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है.यही वजह है कि शुद्धता को ध्यान में रखकर अलग-अलग समूह घर के आसपास पूजा की तैयारी कर रहा है. भीड़-भाड़ भी एक और कारण है. तालाब में ज्यादा भीड़ होने से लोग ठीक से पूजा नहीं कर पाते है, शांति भी भंग होती है. लेकिन सोसायटी या छोटे-छोटे समूह में ऐसा नहीं होता है.
हाउसिंग कॉलोनी सोसायटी में 20 साल से हो रही पूजा
हाउसिंग कॉलोनी में कैलाश धाम मंदिर के समीप मानव चेतना मंच पिछले 20 साल से छठ पूजा का आयोजन कर रहा है. कॉलोनी के अमित सिंह, बीड़ी सिंह, रमाशंकर सिंह, आनंद राम इस आयोजन में मुख्य भूमिका निभाते हैं. कमेटी के अनिमेष सिंह ने बताया कि छठ को लेकर कॉलोनी के लोगों ने तालाब की आकृति का निर्माण कराया है. पूजा से पहले इसमें मोटर से पानी भरा जाता है. यहां साफ-सफाई, विद्युत सज्जा के अलावा लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाती है. इसका खर्च कॉलोनी के लोग मिलकर उठाते हैं. करीब 5 हजार लोग यहां भगवान भास्कर को अर्घ्य देने पहुंचते हैं.
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