Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) जिले के सबसे बड़े अस्पताल एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी सेवा इन दिनों तीन वार्ड बॉय और एक डॉक्टर के भरोसे चल रही है. इमरजेंसी का मेडिसिन और सर्जिकल वार्ड तथा बाहरी हिस्सा मरीजों से भरा है. इमरजेंसी में प्रतिदिन ग्रामीण व शहरी क्षेत्र से सैकड़ों मरीज पहुंचते हैं, जहां उन्हें डॉक्टरों की कमी झेलनी पड़ती है और घंटों इंतजार करना पड़ता है.
हर रोज ऐसी हालत नहीं होती : अधीक्षक
तीन शिफ्ट में चलने वाले इमरजेंसी में कुल 15 लोग सेवा दे रहे है. मॉर्निंग 6 घंटे, इवनिंग 6 घंटे तथा नाइट शिफ्ट में 12 घंटे की ड्यूटी है. प्रतिदिन एक वार्ड बॉय की छुट्टी के कारण शेष तीन वार्ड बॉय और एक एसआर या जीआर डॉक्टर ही मरीजों का इलाज करते हैं. परंतु अधीक्षक का कहना है कि हर रोज इमरजेंसी में ऐसी स्थिति नहीं होती.
बहुत मुश्किल है इमरजेंसी संभालना
इमरजेंसी में सेवा दे रहे वार्ड बॉय के अनुसार उन्हें काम करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों के इलाज में सहयोग के अलावा उन्हें बेड शिफ्टिंग, सामान लाने तथा ओटी में भी जाना पड़ता है. किसी दिन शहर में बड़ी दुर्घटना होती है तो उन्हें मेडिसिन वार्ड छोड़कर सर्जिकल में जाना पड़ता है. ऐसे वक्त में इमरजेंसी संभालना मुश्किल हो जाता है.
इमरजेंसी में भी घंटों बारी का इंतजार
इमरजेंसी वार्ड में कई मरीज अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. बलियापुर के दूधिया पंचायत से इलाज कराने आये मोहम्मद नौसाद बताते हैं कि वह 2 घंटे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है. लेकिन मेडिसिन वार्ड मरीजों से खचाखच भरा हुआ है.
इलाज हो भी गया तो बेड वॉय का इंतजार
सर्जिकल वार्ड में अपने बेटे का इलाज करा रहे मोहम्मद सुलेमान बताते हैं कि उनका बेटा सड़क हादसे में घायल हो गया है. उसे गंभीर चोटें आई है. इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच लाया गया. फिलहाल उसकी स्थिति अभी सामान्य है और अब बेड शिफ्टिंग के लिए वार्ड बॉय का इंतजार कर रहे हैं.
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