Mithilesh kumar
Dhanbad: पारा 43 पर हो और ऐसे में राहगीरों को वातानुकूलित शेड मिल जाए तो कैसा रहेगा? आनंद की अनुभूति होगी न ? यह काम धनबाद नगर निगम कर रहा है. धनबाद में बने राज्य के पहले वातानुकूलित यात्री शेड ने राहगीरों को ठंडक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है.
सिटी सेंटर के पास पहला शेड
सिटी सेंटर के पास बने इस यात्री शेड की सबसे बड़ी खासियत है कि यह पूरी तरह शीशे से पैक है, शेड के अंदर 6 ज्वाइंट कुर्सियां लगी हुई है. फर्स भी टाइल्स से पूरी तरह ढका हुआ है. अंदर एसी के साथ एक पंखा भी है. लाइटिंग की व्यवस्था ठीक है. साथ ही वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय, कचरे से सम्बंधित स्लोगन और प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के सुझाव भी दिए गए है. फ़िलहाल गर्मी से बचने के लिए राहगीरों से अधिक ठेले-खमोचे वाले और आसपास के दुकानदार इसका आनंद उठा रहे है. यह सेवा पूरी तरह निशुल्क है. डेमो के तौर पर कुछ दिन पहले ही निगम ने इस शेड का निर्माण कराया है. आनन-फानन में कराये गए इस निर्माण में फिनिशिंग का काम थोड़ा ढीला है. निगम के अधिकारी एक शेड का अनुमानित खर्च 10 लाख बता रहे है. यह राशि भी निगम ने खर्च नहीं की है. पीपीपी मोड़ में इसका निर्माण कराया गया है.
क्यू सेल्टर रखा है नाम
यहां क्यू जैसा ऐसा कुछ भी नहीं है. बाहर से देखने पर इसे शीश घर कहा जा सकता है. इस निर्माण का मुख्य उद्देश्य शहर में बस, ऑटो या बाइक से आने वाले लोगों को राहत पहुंचाना है. इसके निर्माण से फ़िलहाल बस के यात्रियों को कोई फायदा नहीं हो रहा है. बस डीपो से दूरी होने के कारण यात्री इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे है.
सुरक्षा का नहीं है ख्याल
यात्री शेड सड़क के किनारे होने के कारण नुकसान का भी पूरा खतरा है. इसकी देख- रेख के लिए न तो कोई केयर टेकर है और न ही गार्ड की व्यवस्था है. शेड में सीसी टीवी कैमरा भी नहीं है. ऐसे में चोर-उचक्के, नशे में गाड़ी चलाने वाले लोग इसे नुकसान पहुंचा सकते है. इसके अलावा निगम के दावे के अनुसार वाटर एटीएम और शेड के चारों और प्लेटफार्म की भी व्यवस्था नहीं है.
इन स्थानों पर होगा निर्माण
रणधीर वर्मा चौक, एआईटी गेट, पीके राय कॉलेज, स्टील गेट, ओजोन गैलेरिया मॉल, स्टेशन रोड स्थित बस पड़ाव, पूजा टॉकीज, श्रमिक चौक, सुभाष चौक, उर्मिला टावर, बैंक मोड़ निगम कार्यालय, एसबीआई बैंक मेन ब्रांच, बैंक मोड़ बिरसा चौक, एसएसएलएनटी महिला कॉलेज, बस डीपो, धैया के पास वातानुकूलित यात्री शेड का निर्माण कराया जाना है. डेमो के बाद फ़िलहाल निगम के अधिकारी शांत है. किसी भी एजेंसी ने इन स्थानों पर अभी काम शुरू नहीं किया है.
एजेंसी को ऐसे मुनाफा
शहर में होडिंग-पोस्टर लगाने वाली एड एजेंसी या किसी कंपनी से निगम एसक्वायर फीट के हिसाब से पैसा चार्ज करता है. होडिंग लगाने के एवज में एजेंसी को साल या छह माह में निगम को लाखों रूपए चुकाने पड़ते हैं. यात्री शेड का निर्माण करने पर एजेंसी को निगम छूट दे रहा है कि वह अपना एड शेड के ऊपर फ्री में लगा सकता है. निगम उक्त एजेंसी से सिर्फ किराया वसूल करेगा, यह किराया प्रति माह कितना होगा, यह अभी तय नहीं हो पाया है.
सिटी सेंटर के पास डेमो के तौर पर यात्री सेल्टर का निर्माण कराया गया है. इसके नतीजे देखने के बाद अन्य चिन्हित स्थानों पर निर्माण किया जाएगा. सभी सेल्टर का निर्माण पीपीपी मोड में किया जाना है. इसमें निगम को अलग से खर्च करने की जरूरत नहीं है- सतेंद्र कुमार, नगर आयुक्त
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