जांच और बैठक में निकल गए 4 साल, कंप्यूटर ऑपरेटर पर कार्रवाई की खानापूर्ति
Dhanbad : वर्ष 2017 में होमगार्ड बहाली में हुई गड़बड़ी के सात साल बाद भी दोषी अधिकारियों पर एफआईआर नहीं हुई है. पहले तो जांच और बैठक में ही चार साल निकल गए. एडीएम, उपायुक्त व सरकार के अवर सचिव के निर्देश के बावजूद 2021 में हार्डडिस्क और वीडियोग्राफी नहीं मिला तो कंप्यूटर ऑपरेटर पर गाज गिर गई. कंप्यूटर ऑपरेटर गजेंद्र गुप्ता और फोटोग्राफर अमरजीत कुमार को सस्पेंड कर एफआईआर की खानापूर्ति कर दी गई. उपायुक्त ने निर्देश पर तत्कालीन होमगार्ड कमांडेंट तारकेश्वर राम ने 9 अक्टूबर 2021 को धनबाद थाना में लिखित शिकायत की. जिसमें कांड संख्या 428/21 में भादवि की धारा 406, 420, 467,468,34 के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर व फोटोग्राफर पर मामला दर्ज किया गया. दोनों आरोपियों ने कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली और अभी तक प्राइवेट नौकरी कर भरण पोषन कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि वर्ष 2014 की नियमावली के तहत 2017 में धनबाद गृह रक्षा वाहिनी की ओर से 405 ग्रामीण गृह रक्षक और 663 शहरी गृह रक्षक के पद पर बहाली निकाली गई. धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में बहाली की सभी प्रक्रिया पूरी की गई.
शिकायत और हंगामा के बाद जालसाजी की जांच
बहाली के समय 2017 में अभ्यर्थियों और अभिभावकों की शिकायत और हंगामा के बाद अधिकारियों ने जालसाजी की जांच शुरू की. एसएसपी से लेकर एसपी, डीसी, एडीएम और रांची के कमांडेंट तक ने बारीकी से जांच की. धनबाद से लेकर रांची मुक्यालय तक बैठक हुई. होमगार्ड के डीजी तक को जांच रिपोर्ट सौंपी गई. अंत में 30 सितंबर 2021 को धनबाद के तत्कालीन डीसी संदीप सिंह ने जिला समादेष्टा होमगार्ड को पत्र लिखा कि धनबाद थाना में कंप्यूटर ऑपरेटर व फोटोग्राफर पर एफआईआर कराएं. दोनों ने मिलकर हार्डडिस्क और वीडियोग्राफी साजिश के तहत गायब कर दिया है. कंप्यूटर में वायरस बताकर फॉर्मेट कर दिया गया. पहले कहा गया कि नजारत में जमा है, लेकिन वहां भेजा ही नहीं गया था. फिर कमांडेंट के धनबाद थाना में लिखित रूप में देने पर पुलिस ने एफआईआर कर जांच शुरू की.
अवर सचिव के पत्र के बाद भी अफसरों पर कार्रवाई नहीं
झारखंड सरकार के अवर सचिव बृजलाला प्रसाद ने वर्ष 2022 में उत्तरी छोटानागर प्रमंडलीय हजारीबाग के प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र लिखा कि होमगार्ड बहाली में गड़बड़ी की शिकायत हुई तो मात्र दो लोगों कंप्यूटर ऑपरेटर और फोटोग्राफर पर एफआईआर की गई, लेकिन अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई. अवर सचिव के निर्देश के बावजूद अभी तक किसी पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है. विभाग के अनुसार अब फिर बहाली करने की तैयारी चल रही है.
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