Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) जिले में पंचायत चुनाव अभी खत्म भी नहीं हुआ और नगर निगम चुनाव की चर्चा तेज हो गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग जून-जुलाई तक चुनाव की घोषणा कर देगा. ऐसी चर्चा है कि इस बार पंचायत चुनाव की तर्ज पर ही नगर निगम चुनाव होगा. ओबीसी आरक्षण का लाभ प्रत्याशियों को नहीं मिलने जा रहा है. यदि ऐसा हुआ तो मेयर की सीट जेनरल हो जाएगी. पार्षद की ज्यादातर सीटें पहले ही महिलाओं के लिए आरक्षित हो चुकी हैं. ऐसे में पिछले दो साल से मेयर पद की उम्मीदवारी का दावा कर रहे नेताओं केा को गहरा झटका लगेगा.
पूर्व मेयर के विरोधी अभी से खुश
वर्ष 2015 से 18 जून 2020 तक मेयर रह चुके चंद्रशेखर अग्रवाल के विरोधी अभी से खुशी मना रहे हैं. पूर्व पार्षद निर्मल मुखर्जी दावा कर रहे हैं कि इस बार मेयर का पद जेनरल होने वाला है. पिछले 5 साल तक निगम में तानाशाही करने वालो को गहरा झटका लगने वाला है. अपनी ही पार्टी के पूर्व मेयर के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके पूर्व पार्षद कुमार अंकेश राज खुश होने के साथ थोड़ा नाराज भी हैं. ख़ुशी इस बात की है कि यदि ओबीसी सीट से लड़ने का मौका नहीं मिला, तो कोई अन्य भी नहीं लड़ पाएगा. दुःख इस बात का है कि दो साल की मेहनत बेकार जाएगी. हालांकि उनका कहना है कि अभी चुनाव आयोग का कोई नोटिफिकेशन ही नहीं आया है, तो इस बात की चिंता करना ही बेकार है. वहीं पूर्व मेयर से नाराज चल रहे पूर्व पार्षद अशोक पाल निगम के चुनावी चर्चे पर खुश हैं. उनका कहना है कि ऐसा हुआ तो मजा आ जाएगा. हालांकि पूर्व मेयर ने इस तरह के चर्चों से दूरी बना रखी है. फ़िलहाल, वे शहर में चल रहे शादी समारोह में ही व्यस्त नजर आ रहे हैं. इस चर्चे पर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.
राज्य सरकार के फैसले पर टिकी हैं सबकी निगाहें
रघुवर दास की सरकार ने वर्ष 2020 में धनबाद के मेयर पद की सीट ओबीसी के लिए आरक्षित कर दी थी. राज्य में अभी हेमंत सोरेन की सरकार है, जिसका भाजपा के साथ 36 का आंकड़ा है. शहरी नगर निकायों में भाजपा की पकड़ अच्छी है.ऐसे में ओबीसी सीट को आरक्षित करना मुश्किल ही है. लेकिन चुनाव आयोग को राज्य सरकार के फैसले का इंतजार रहेगा. क्योंकि राज्य सरकार की अनुशंसा पर ही आयोग चुनाव की घोषणा करेगा.
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