क्षेत्रीय अस्पताल डुमरा की घटना, मृत घोषित करने के बाद अस्पताल के बाहर पड़ा रहा शव
Baghmara (Katras) : बीसीसीएल के क्षेत्रीय अस्पताल डुमरा में शुक्रवार को एक मृत व्यक्ति को जिंदा बता कर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल रेफर करने का मामला प्रकाश में आया है. ये इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. पूरे मामले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बताया जाता है कि न्यू मधुबन कोलवाशरी में शुक्रवार को एक निजी कंपनी के इलेक्ट्रीशियन रामजन्म साहू ड्यूटी के दौरान मोटर सफाई करते हुए अचानक कीचड़ भरे नाले में मुंह के बल गिर गया. निजी कंपनी के अधिकारियों ने सहकर्मियों के सहयोग से करीब 20 मिनट तक भारी मशक्कत कर उसे बाहर निकाल कर आनन-फानन में बीसीसीएल के क्षेत्रीय अस्पताल डुमरा पहुंचाया. जहां एक डॉक्टर ने कर्मी को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद कर्मी का शव करीब डेढ़ घंटे तक अस्पताल से बाहर परिसर में चिलचिलाती धूप में स्ट्रेचर पर पड़ा रहा. डेढ़ घंटे बाद कंपनी के कुछ लोग वहां पहुंचे और डॉक्टर से बंद कमरे में बात की, जिसके बाद मृत कर्मी को जिंदा बताकर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया.
घटना की खबर पाकर पहले से वहां मौजूद मीडिया कर्मियों ने अस्पताल प्रबंधक सिस्टा सिन्हा से सवाल किया कि जब व्यक्ति जिंदा था, तो उसे डेढ़ घंटे तक बिना ऑक्सीजन के चिलचिलाती धूप में क्यों रखा गया, तो प्रबंधक टालमटोल करती रहीं. करतूत पर पर्दा डालने की नीयत से आनन-फानन में अस्पताल कर्मियों ने मृत कर्मी को ऑक्सीजन लगा दी. मामला तूल पकड़ता देख कंपनी के कुछ अधिकारियों के निर्देश पर कर्मियों ने मृतक को स्ट्रेचर से उठा कर निजी बोलेरो वाहन पर लाद कर इलाज के लिए बोकारो ले गए. मृतक ओडिशा का रहने वाला था. वह वाशरी का संचालन कर रही चेन्नई राधा कंपनी में कार्यरत था. चर्चा है कि कार्य के दौरान कर्मी को सुरक्षा उपकरण नहीं दिये गये थे, जिसके कारण उक्त घटना घटी. घटना पर पर्दा डालने के लिए इस तरह की हरकत की गयी, ताकि किसी प्रकार का कोई विवाद न हो. वहीं प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो कर्मी की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी.
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