Dhanbad : फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन 7 से 12 मार्च तक चलाया जाएगा. सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने कार्यालय में 3 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि फाइलेरिया अपंगता पैदा करने वाली द्वितीय सबसे बड़ी लाइलाज बीमारी है, जिससे हाथ, पांव (हाथीपॉव) का फूलना और हाइड्रोसील होता है. फाइलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. वर्ष में एक बार डीईसी एवं अलबेण्डाजोल दवा का सेवन कराकर फाइलेरिया पर नियंत्रण पाया जा सकता हैं.
फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन के लिए सभी आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, प्राथमिक स्वारथ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, वार्ड कर्यालय बूथ के रूप में चिन्हित किये गये हैं. प्रत्येक बूथ पर 7 मार्च को दवा दवा खिलायी जाएगी. उसके बाद छूटी हुई आबादी को 08 से 12 मार्च तक घर-घर जाकर दवा सेवन कराया जाएगा. दवा खिलाने के बाद प्रत्येक व्यक्ति के बायें हाथ की तर्जनी अंगुली में मार्कर पेन से मार्किंग के साथ सभी घरों में दीवार पर लेखन किया जाएगा.
लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कम से कम 85 प्रतिशत आबादी द्वारा दवा सेवन अनिवार्य है. धनबाद जिले के कुल 1158 गांवों में 2180 बूथ पर, 4214 दवा प्रशासकों द्वारा 26 लाख 48 हजार 587 लोगों को दवा खिलायी जाएगी. इस कार्य के लिए सभी आंगनबाड़ी केन्द्र, सभी सीएचसी केन्द्र, सभी सीएचसी उपकेन्द्र, जिला अस्पताल तथा शहरी क्षेत्रों में बूथ स्थापित किया गया है. दवा के प्रतिकुल प्रभाव के प्रबंधन हेतु जिला स्तरीय त्वरित कार्यदल एवं प्रखंड स्तरीय त्वरित कार्यदल का गठन चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में किया गया है. एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गम्भीर रूप से बीमार व्यक्ति को यह दवा नहीं दी जाएगी.
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