Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) हम आधुनिकता की चकाचौंध के उस दौर में पहुंच गए हैं, जहां अपनी संस्कृति और विरासत को भूल गए हैं. आधुनिकता को अपनाना चाहिए , लेकिन अपनी संस्कृति का विसर्जन देकर नहीं. यह बातें 14 अगस्त रविवार को सिंफर सभागार में आयोजित बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के भारतीय शिक्षण परंपरा और संस्कृति विषयक राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कही. उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति में ही पौराणिक इतिहास, विज्ञान, आचार, विचार, रण कौशल और युद्ध कौशल समाहित हैं. अपने देश की संस्कृति और विरासत इतनी समृद्ध थी कि विदेशों से छात्र और रिसर्च स्कॉलर आते थे, संस्कृति का आदान-प्रदान होने लगा तो हम अपनी संस्कृति खोने लगे. अंग्रेजी बोलने वाले को सम्मान मानसिक भटकाव को ही दर्शाता है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इस आयोजन से हमें पुनः अपनी पारंपरिक संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलेगा.
अगला कार्यक्रम नए भवन में : मथुरा महतो
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विशिष्ट अतिथि टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि विश्वविद्यालय का अगला कार्यक्रम भेलाटांड़ में बन रहे इसके अपने भवन में होगा. कुलपति डॉ सुकदेव भोई ने कहा कि बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित करने का संकल्प लिया है और उसे तन, मन से पूरा करने का प्रयास करेंगे. कार्यशाला में 21 पेपर प्रस्तुत किये गये. सेमिनार में बीबीएमकेयू अंग्रेजी विभाग के डॉ कृष्ण मुरारी सिंह, डॉ हिमांशु शेखर चौधरी, डॉ इंद्रजीत कुमार, डॉ डीके गिरि को विशेष सम्मान से नवाजा गया. विधानसभा अध्यक्ष व कुलपति ने सभी शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया.
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