Sanni Sharma
Jharia : झरिया (Jharia) काले हीरे की नगरी के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध झरिया शहर में ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है. यह इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में झरिया सबसे ऊंचे पायदान पर है. कोल् डस्ट, धूल, बीच सड़क सरपट दौड़ते आउटसोर्सिंग कम्पनियों के हाइवा से निकलने वाला धुआं, भू-धंसान, अग्नि प्रभावित वाले इलाकों से निकलती जहरीली गैस यहां के लोगों को मुफ्त में मिलती है. कहने का मतलब यह कि प्रदूषण को छोड़ झरिया के लोगों को कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता.
शोभा की वस्तु बनी बाजार की वाटर एटीएम
राहगीरों की प्यास बुझाने व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नगर निगम द्वारा लाखों की लागत से जिले भर में कई वाटर एटीएम लगाई गई थी. झरिया के बस स्टैंड में वाटर एटीएम का निर्माण हुआ, मगर वह आज भी उद्घाटन की बाट जोह रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बनने के बाद से ही इसमें ताला लटका हुआ है. क्षेत्र वार्ड संख्या 43 के अंतर्गत है. मगर बस स्टैंड और बाजार का इलाका होने की वजह से यहां अक्सर हजारों लोगों की चहल-पहल बनी रहती है. प्यास बुझाने के लिए उन्हें महंगी दर पर पानी खरीद कर पीना पड़ता है. स्थानीय लोग बताते हैं कि नगर निगम निर्माण दो, ढाई वर्ष पहले ही वाटर एटीएम का निर्माण काराया. पानी की टंकी सहित बिजली कनेक्शन भी लगाया गया. परंतु आज तक चालू नहीं हो सका. नगर निगम ने खानापूर्ति की, ठेकेदार ने काम का पूरा दाम लिया, मगर फायदा किसी को नहीं मिला.
फ्री सर्विस मॉड्यूलर टॉयलेट पर भी लटके ताले
पेड सर्विस वाले सावर्जनिक शौचालय की झरिया में कोई कमी नहीं है. परंतु सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को खुले में शौच मुक्त कराने के लिए कोई सुविधा नहीं है. धनबाद नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए हर मॉड्यूलर टॉयलेट के गेट पर ताला लगा हुआ है. इन शौचालयों के निर्माण के पीछे निगम का मकसद था आम आदमी को असुविधा से मुक्ति दिलाना. राह चलते कहीं भी या सड़क के किनारे गंदगी फैलाने (टॉयलेट करने) से लोगों को रोकना और शहर को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेवारी थी. लाखों रुपये खर्च कर झरिया शहर के लोगों को स्वछ और मुफ्त शौचालय की सेवा देने की योजना भी फिसड्डी साबित हुई.
पेट्रोल पंपों में फ्री हवा भरने की मशीन भी खराब
झरिया शहर के अधिकतर पेट्रोल पंपों पर शासन के दिशा निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. कतरास मोड़ , बनियाहीर समेत कई पेट्रोल पंपों पर वाहनों में हवा भरने वाली मशीनें कई महीनों से खराब पड़ी हैं. नतीज़तन वाहन चालकों को परेशानी होती है. पंप में औपचारिक तौर पर मुफ्त हवा भरने की मशीनें लगाई गई हैं.परंतु जब वाहन चालक हवा भरने को कहते हैं तो कर्मचारी मशीन खराब होने का हवाला देकर उन्हें टरका देते हैं. हालत यह कि पेट्रोल पंपों के अगल बगल पेड सर्विस वाली दुकानें बढ़ती जा रही हैं. वाहन चालकों को सुरक्षा की दृष्टि से पहियों की हवा चेक कराना जरूरी रहता है. पंपों पर फ्री में हवा चेक करने का प्रावधान भी है.
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