Nirsa : सेठ हरदेवराम मिताथालिया स्मृति ट्रस्ट की ओर से गोविंदपुर के होटल में चल रही 8 दिवसीय श्रीराम कथा की 6 जनवरी को पूर्णाहुति हुई. विश्राम दिवस पर व्यासपीठ से विजय कौशल जी महाराज ने श्रीराम विवाह प्रसंग की व्याख्या की. कहा कि देवताओं में केवल श्रीराम के विधि विधान से विवाह का उल्लेख है. भगवान से विवाह ही भक्ति है. इसके बाद भक्त भक्ति की परिधि में आकर भगवान के भरोसे निश्चिंत हो जाता है. भगवान का सुमिरन अनुकूलता से करना चाहिए. श्रीराम अपने शील मधुर स्वभाव से भक्तों के प्रिय हैं.
सीता चरित्र की व्याख्या करते हुए महाराज ने कहा कि बेटियां अपने पिता के सम्मान की चिंता करती हैं हर परिस्थिति में अपने पिता के मंगल की कामना करती हैं. सभी महिलाओं को माता सीता से इसकी प्रेरणा लेनी चाहिए. इससे पूर्व मुख्य यजमान शंभूनाथ अग्रवाल ने सपरिवार व्यासपीठ की पूजा की. कथा की पूर्णाहुति पर भक्तों के बीच भोग का वितरण किया गया.
यह भी पढ़ें : धनबाद : कोर्ट फीस में वृद्धि वापस लेने की मांग पर अधिवक्ताओं ने किया कार्य बहिष्कार