Nirsa : निरसा (Nirsa) धनबाद जिला संत सत्संग समिति द्वारा महर्षि में ही आश्रम आकाशगंगा कॉलोनी लाल बंगला में रविवार 4 दिसंबर को ध्यान, योग एवं सत्संग शिविर को संबोधित करते हुए मनिहारी आश्रम कटिहार से आए स्वामी दशरथ महाराज ने कहा कि मनुष्य और पशुओं में चेतना एक ही तरह की है. जिस तरह मनुष्य विषय सुख लेता है, उसी तरह अन्य प्राणी भी लेते हैं. अगर मनुष्य केवल विषय ज्ञान में ही रह गया तो वह पशु से किसी तरह श्रेष्ठ नहीं है. वह पशु समान ही है. मनुष्य में अगर ज्ञान है, तो वह अवश्य श्रेष्ठ है. ज्ञान का तात्पर्य आत्मज्ञान से है. संसार के पदार्थों का ज्ञान सबको है. फर्क इतना है कि कोई कम जानता है और कोई विशेष.
गोस्वामी तुलसीदास ने भी कहा है कि ज्ञान के बगैर मनुष्य बिना सिंह, पूछ का पशु है. यह ज्ञान मनुष्य के शरीर में होता है. इस शरीर में आकर जो इस ज्ञान को प्राप्त नहीं करता, वह मिट्टी के ढेले के समान है. स्वामी राधे महाराज ने कहा कि हमें अपने को पवित्र बना कर रखना चाहिए. सदाचार के पालन से साधन में बल मिलता है. उन्होंने कहा कि भक्तों की चाल सांसारिक लोगों से भिन्न होती है. वह कठिन मार्ग पर चलते हैं. लोभ, लालच अहंकार और तृष्णा को छोड़े हुए होते हैं.
शिविर को संत परेशानंद महाराज, स्वामी आलोक बाबा, स्वामी देवेंद्र बाबा, स्वामी रतन बाबा आदि ने संबोधित किया. धनबाद जिला संतमत सत्संग के अध्यक्ष परमानंद प्रसाद ने सभी संतों का अभिनंदन किया. इस शिविर 1 दिसंबर से शुरू हुआ है , जो 15 दिसंबर तक चलेगा. प्रतिदिन सुबह व शाम प्रवचन, सत्संग, योग ध्यान आदि अनुष्ठान हो रहे हैं.