Dhanbad : यह चौकाने वाली खबर है, यह व्यवस्था पर सवाल भी है. खबर यह है कि शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज-अस्पताल (SNMMCH) में ट्यूबरक्लोसिस [टीबी] मरीजों के लिए अलग से वार्ड नहीं है. वार्ड तो दूर अलग से बेड की व्यवस्था तक नहीं है. टीबी के मरीजों को मेडिसिन वार्ड में रखा जाता है. जहां दूसरे मरीजों के साथ उनका इलाज होता है. लगातार की टीम ने 20 मई, शुक्रवार को पाया कि टीबी मरीजों का मेडिसिन वार्ड में इलाज चल रहा है. ज्ञात हो कि TB संक्रामक रोग है. यह एक से दूसरे में फैलता है. TB मरीज के खांसने या छींकने पर पास के आदमी में TB का विषाणु प्रवेश कर सकता है. TB मरीजों के बर्तन और कपड़े, बिछावन तक का इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत रहती है. TB मरीजों को एकांत में रखने की सलाह दी जाती है. ऐसे में सवाल है कि SNMMCH प्रबंधन TB मरीजों को ठीक कर रहा है या मेडिसिन वार्ड आने वालों को TB का उपहार दे रहा है ?
SNMMCH के अधीक्षक मस्त -व्यस्त हैं
यह हाल तब है, जबकि जिले में हर साल TB के मरीज बढ़ रहे हैं. 2020 में जिले में कुल 1620 मरीज थे. वह 2021 में 2158 हो गए और 2022 में के 5 माह में 1263 मरीज मिल चुके हैं. इस पूरे मामले को लेकर SNMMCH के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार वर्णवाल से जानकारी लेने के लिए लगातार की टीम उनके कार्यालय पहुंची तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया. फोन पर जानकारी लेने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा कि यह सब जानकारी फोन पर नहीं दी जाएगी.
यह एक जानलेवा रोग है ———-
तीन सप्ताह से खांसी, खांसी के साथ खून, छाती में दर्द और सांस फूलना, वजन कम होना, थकान महसूस होना, शाम को बुखार आना और ठंड लगना, रात में पसीना आना आदि TB के संकेत हैं. पता लगने पर उचित उपचार जरूरी है. यह जानलेवा रोग है. टीबी का उपचार जल्दी शुरू होने पर निदान संभव है. टीबी रोगी को खांसते वक्त मुंह पर कपड़ा रखना चाहिए और भीड़-भाड़ वाली जगह या बाहर नहीं थूकना चाहिए.
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