Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन 23 दिसंबर को भगवान कृष्ण की बाललीला, गोवर्धन पूजा की कथा सुनाई गई. शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना से की गई. पूज्य सुरेंद्र हरिदास जी ने सभी भक्तगणों को “बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों” भजन गा कर सुनाया.
संगति ही तय करती है सफलता और असफलता
महाराज ने कहा कि जीवन में संगति का बहुत महत्व होता है. हम जैसी संगति में रहते हैं, वैसे ही बन जाते हैं. संगति ही जीवन की सफलता और असफलता तय करती है. इसीलिए संगति अच्छी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शरीर की देखभाल इसलिए नहीं कि हम सुन्दर दिखें, बल्कि इसलिए करनी चाहिए कि हम स्वस्थ रहें और भगवान की भक्ति कर सकें.
मायने नहीं रखता कि कौन कितना जिया
भगवान ने हमें संसार में दो चीजें देकर भेजा है, मस्तिष्क और ह्रदय. ह्रदय भगवान में लगाओ और मस्तिष्क संसार में लगाओगे तो भवसागर से पार हो जाओगे. मायने नहीं रखती है कि कौन कितना जिया, मायने यह रखता है कि जितना जिया, कैसे जिया. उसकी सोच क्या थी, उसका विचार क्या था, वह चाहता क्या था.
कथा सफल बनाने में जुटे हैं यजमान व भक्त
कथा सफल करने वालों में अशोक गुप्ता सधर्मपत्नी श्रीमती सुधा गुप्ता, मिहिर दत्ता श्रीमती अमिता दत्ता मुरली मनोहर अग्रवाल, विरेन्द्र भगत केदारनाथ मित्तल, श्याम पांडे, रमेश राय टिंकू सरकार पप्पू सिंह, रंजीत जायसवाल अमृत सिंह गोपालनाथ नंदू रजक प्रकाश दे झूलन सिंह राजेन्द्र रजक गोपाल नाग सुदीप दत्ता मोनू दीपक, रितेश , संतोष आदि जुटे हुए हैं. श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस पर उद्धव चरित्र, रुक्मिणी विवाह, रास पंचाध्यायी का वृत्तांत सुनाया जाएगा.