Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) आईआईटी-आईएसएम धनबाद में ऑल इंडिया प्लेसमेंट कमिटी (एआईपीसी) की 33वीं बैठक 24 सितंबर को हुई. जिसमें कैंपस प्लेसमेंट के नए ऑनलाइन मॉडल के स्थान पर वैकल्पिक प्लेसमेंट मॉडल पर विचार विमर्श करने, प्री प्लेसमेंट ऑफर (पीपीओ) और कैंपस प्लेसमेंट की संख्या को बढ़ाने, कॉमन स्क्रीनिंग टेस्ट को मजबूत करने, कोर को प्रोत्साहित करने, राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के प्लेसमेंट पैरामीटर को पूरा करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई. बैठक की अध्यक्षता आईआईटी-आईएसएम धनबाद के करियर डेवलपमेंट सेंटर की प्रेसीडेंट प्रो देबजायानी मित्रा ने की. बैठक में देशभर के 16 आईआईटी के 23 प्रतिनिधि शामिल हुए.
निदेशक ने प्रतिनिधियों से की बातचीत, दी सलाह
दोपहर के बाद के सत्र में आईआईटी-आईएसएम धनबाद के निदेशक प्रो राजीव शेखर और उप निदेशक प्रो धीरज कुमार ने आईआईटी प्रतिनिधियों से बातचीत की और उन्हें कई सलाह दी. प्रतिनिधियों ने संस्थान के 90 साल पुराने भूवैज्ञानिक संग्रहालय और लॉन्ग बॉल ट्रेनिंग गैलरी का दौरा भी किया. प्रो धीरज कुमार ने बताया कि फरवरी 2020 में हैदराबाद की बैठक के दो साल बाद आज भौतिक रूप से बैठक का आयोजन हुआ है. इसके दूरगामी परिणाम होंगेय इस वर्ष प्लेसमेंट और पीपीओ में और भी सुधार की संभावना है.
वर्ष 2004 में हुई थी एआइपीसी की स्थापना
बता दें कि ऑल आईआईटी प्लेसमेंट कमेटी (एआईपीसी) की स्थापना वर्ष 2004 में हुई थी, जिसका उद्देश्य नियमित अंतराल पर बैठकों और विचार विमर्श के द्वारा देशभर के विभिन्न आईआईटी के विद्यार्थियों को एक ऐसा मंच प्रदान करना था, जिससे उनके लिए प्लेसमेंट प्रक्रिया आसान बनाई जा सके. साथ ही प्लेसमेंट के बाद छात्रों के एकेडमिक और कैरियर दोनों हितों की रक्षा की जा सके. प्लेसमेंट या पीपीओ के बाद कंपनियों द्वारा प्रस्ताव के शर्तों से पीछे हटने पर एआईपीसी छात्रों के हित का ध्यान रखता है.