Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) मुथूट फिनकॉर्प डाका कांड में मारे गए आरोपी शुभम सिंह का इनकाउंटर नहीं हुआ, उसकी हत्या की गई है. गुरुवार 16 मार्च को धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह की अदालत में गवाही देते हुए मृतक के पिता विश्वजीत सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि 6 सितंबर 22 को 10बजे सुबह वह बाघमारा में ड्यूटी पर थे. सूचना मिली कि बैंक मोड़ मटकुरिया रोड में एमआरएफ शोरूम के समीप उसके इकलौते पुत्र शुभम सिंह को बैंक मोड थाना प्रभारी पीके सिंह सहयोगियों के साथ मिलकर गोली मार दी है.
सूचना मिलने पर वह घटनास्थल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके बेटे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. संध्या 7:30 बजे वह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. वहां बैंक मोड़ थाना के पुलिस कर्मियों ने उनको बेटे का शव देखने तक नहीं दिया. दूसरे दिन वह अपनी पत्नी के साथ फिर पोस्टमार्टम हाउस गए, जहां काफी शोर गुल करने के बाद साढ़े चार बजे पुत्र का शव दिया गया. शव लेकर वह घर आए तो देखा कि उनके बेटे के बाएं कंधे के पीछे और बाईं तरफ सीने पर गोली का जख्म था. दाएं कंधे के सामने और पीछे भी जख्म था. चेहरे और सिर पर भी चोट के काफी निशान थे.
दाह संस्कार के बाद उन्हें गवाहों से पता चला कि उनके पुत्र की बैंक मोड़ थाना प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह, गौतम कुमार, उत्तम कुमार जो बिना वर्दी में थे, ने दौड़ा कर पीछे से गोली मारी है. जब वह मौके पर ही मर गया तो प्रमोद सिंह ने शव के सीने पर सामने से गोली मार दी और जूते से उसके सिर पर भी प्रहार किया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर था, जिसे बतौर साक्ष्य कोर्ट में पेश करने का उसने दावा किया.
बताते हैं कि शुभम सिंह की मां शशि देवी ने कोर्ट में मुकदमा दायर कर आरोप लगाया है कि बैंक मोड थानेदार प्रमोद कुमार सिंह ने अपने दोनों सिपाहियों के साथ मिलकर उसके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी. अपना गिरेबान बचाने के लिए उसे इनकाउंटर का रूप दे दिया. शशि ने आरोप लगाया है कि डॉ प्रमोद कुमार सिंह ने गौतम कुमार सिंह एवं उत्तम कुमार के साथ योजना बनाकर इस घटना को अंजाम दिया है. उसके जवान बेटे की निर्मम हत्या की है और बात को छिपाने के लिए झूठी एफआईआर कर दी. शशि देवी की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने मुकदमे की पैरवी की.