Dhanbad: खेल करियर का हिस्सा होता है. कामयाबी मिलती है तो खिलाड़ी आगे बढ़ता है. लेकिन जब आर्थिक संकट आता है तो हुनर पीछे रह जाता है. मेडल का कोई मतलब नहीं रहता है. दामोदरपुर की ममता टुडू की ऐसी ही स्थिति है. तीरंदाजी में नेशनल चैंपियन ममता आज झालमुरी बेचने को विवश है.
संताल टोला की ममता ने तीरंदाजी में कई कीर्तिमान बनाये. 2009 में विजयवाड़ा में हुए नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीती. इसके बाद ममता रांची में रहकर प्रैक्टिस करने लगी. जब लॉकडाउन लगा तो ममता घर लौटी. पैसे की कमी थी. घर की आर्थिक स्थिति देखकर झालमुरी बेचने लगी. जब भारतीय जनतंत्र मोर्चा के नेता और समाजसेवी रमेश पांडेय को पता चला तो वे आगे आये. उन्होंने ममता को 11 हजार रुपये का सहयोग दिया.
देखें वीडियो-
बेटी का सपना पूरा होगा
रमेश पांडेय ने कहा कि जिन हाथों में देश के लिए कोहिनूर जीतने का सपना था वो पूरा होगा. तीरंदाजी की प्रैक्टिस के लिए आधुनिक धनुष समेत आर्थिक सहायता करने का भी भरोसा दिलाया. मां ने कहा कि उम्मीद है बेटी का सपना पूरा होगा.
इसे भी पढ़ें- एक मार्च से सूबे के प्राइवेट अस्पतालों में लगेगी कोविड वैक्सीन, देखें पूरी लिस्ट
पलायन कर रहे हैं खिलाड़ी
रमेश पांडेय ने कहा कि धनबाद के दर्जनों तीरंदाज सरकार की उदासीनता के कारण दूसरे जिले या राज्य में पलायन करने को विवश हैं. वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. विडंबना यह है कि झारखंड में सरकार की ओर से कोई मदद खिलाड़ियों को नहीं मिलता है. विभिन्न जिलों में प्रतिभावान खिलाड़ी हैं. जरूरत है पहचान कर उन्हें आगे बढ़ाने की.
इसे भी पढ़ें- बोकारो थर्मल पुलिस ने 20 टन अवैध कोयला, 14 बाइक और 50 साइकिल की जब्त