Jamtara: करमाटांड़ प्रखंड क्षेत्र के शिकरपोसनी गांव स्थित चरकीपहाड़ी रोड के पास मनरेगा के काम में बड़ी गड़ीबड़ी उजागर हुई है. यहां एक पुराने डोभा की मेड़ काटकर बड़ा आकार दिया गया है. और उसे नए काम में गिनती कर दी गई है. यहां एक ही जगह पर आधा दर्जन से अधिक डोभा का निर्माण किया गया है. कुछ डोभा ऐसे भी हैं जिसका कुछ साल पहले निर्माण कराया गया था. और इसी के मेड़ को काटकर बड़े आकार का डोभा बना दिया जा रहा है. हालांकि ग्रामीणों द्वारा इस गड़बड़ झाले का विरोध करने पर काम बंद कर दिया गया.
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डोभा के निर्माण में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
वहीं डोभा निर्माण के लिए स्थल चयन पर एक खास बात का ध्यान रखा जाता है. जहां कभी ईंट भट्टे लगे थे या फिर लगे हैं. वहीं ईंट भट्टे के समीप डोभा के निर्माण के लिए जगह का चयन कर लिया जाता है. जिससे ईंट निर्माण के दौरान खपत होनेवाली मिट्टी से बने गड्ढे को आसानी से डोभा में तब्दील कर दिया जाता है. जिसमें मेहनत और मजदूरी दोनों की बचत होती है. हालांकि डोभा निर्माण के प्राक्कलन में अंकित मजदूरी मास्टर रोल के आधार पर मजदूरों के बैंक खाते में ही जाता है.
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विरोध के बाद बिचौलिया के मंसूबों पर पानी
चरकी पहाड़ी रोड के समीप शिकरपोशनी में पूर्व से निर्मित 40×40 के डोभा को 60×60 का डोभा में बदला जा रहा थात. जिसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने लूट की आशंका को देखते हुए विरोध किया. और संबंधित पदाधिकारियों को इस संबंध में सूचना भी दी. लिहाजा मनरेगा योजना के अंतर्गत चल रहे डोभा के काम को वहीं रोक दिया गया. ग्रामीणों की मानें तो उक्त पंचायत में एक ही योजना को अलग-अलग प्लॉट दिखाकर कई बार डोभा निर्माण कागजों पर दिखा दिया गया. इस तरह के फर्जीवाड़ा करते देखे जाने के बाद आशंका जताई जा रहा है कि, इस तरह पूर्व में भी पुराने डोभा को अपग्रेड कर नए डोभा के नाम पर पैसे की निकासी की गई होगी. पंचायत के डोभा की गिनती से इसका पर्दाफाश हो सकता है.
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