Dhanbad : झारखंडी भाषा संघर्ष समिति ने रविवार 13 फरवरी को विशाल जुलूस निकाला. जुलूस इतना लम्बा था कि मनई टांड़ भोक्ता मंदिर से बैंक मोड़ तक कतार लग गई, जिसमें हजारों की संख्या में शामिल युवा, महिला एवं पुरुष पारम्परिक हथियारों से से लैस थे. सभी लोग 1932 आधारित खतियान लागू करने की मांग करते हुए धनबाद, बोकारो जिले से तृतीय और चतुर्थ वर्गीय स्थानीय नियुक्तियों में भोजपुरी, मगही एवं अंगिका भाषा को शामिल करने का विरोध कर रहे हैं.
जुलूस मनई टांड़ भोक्ता मंदिर से पुराना बाजार, बैंक मोड़, धनसार चौक होते हुए वापस धनबाद के बैंक मोड़ स्थित बिरसा मुंडा चौक पहुंचा और मुख्यमंत्री सहित जिले के सांसद, विधायक का पुतला दहन किया. जुलूस में शामिल लोगों ने भोजपुरी, मगही और अंगिका को धनबाद, बोकारो से हटाने की मांग की.
इस दौरान जुलूस में शामिल महिला व पुरुषों ने खोरठा भाषा में कहा कि धनबाद और बोकारो में हमलोगों की भाषा का जो अतिक्रमण किया गया है, उससे सरकार जल्द से मुक्त करे. उन्होंने कहा कि पहले भाषा मुक्त करे, उसके बाद 1932 खतियान लागू करे, अन्यथा यह आंदोलन और तेज होगा.
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