Nirsa : गोविंदपुर प्रखंड के कुरची मैदान में 20 नवंबर को झारखंड की पहचान 1932 का खतियान महाजुटान का आयोजन हुआ. इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए और 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति के समर्थन में आवाज बुलंद की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 1932 के खतियान आंदोलन से जुड़े जयराम महतो ने कहा कि यदि लोग नहीं चेते, तो आगामी 20 वर्षों में झारखंडी अस्मिता व संस्कृति समाप्त हो जाएगी. देश में जब 1807 का आईपीसी कानून चल रहा है, तो 1932 का खतियान क्यों नहीं चलेगा. झारखंडी संस्कृति समृद्ध व शक्तिशाली है. उन्होंने कहा कि शराब से झारखंड को काफी नुकसान हुआ है और इसका प्रयोग कम से कम करने के लिए उनका अभियान चल रहा है.
समारोह में मुखिया विनोद रजवार, पप्पू सिंह, अनीस अंसारी, लव महतो, कुश महतो, विश्वनाथ पाल, सहदेव महतो, मालती देवी, कमल किशोर महतो, ओम प्रकाश हरि, बैजनाथ गोस्वामी, उपेन दास, जैनुल अंसारी, इस्माइल अंसारी समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे.
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