Dhanbad : कुष्ठ रोग कलंक नहीं है, बल्कि दीर्घकालीन संक्रामक रोग है, जो माइक्रोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से फैलता है. प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी 30 जनवरी से 13 फरवरी तक कुष्ठ रोग के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा. इसके लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अपने-अपने स्तर से लोगों को जागरूक करेगा. जिले में स्वास्थ्य विभाग ऐसे रोगियों की खोज के लिए विशेष अभियान 13 फरवरी से 15 मार्च तक चलाएगा.
मोबाइल वैन से प्रचार – प्रसार
30 जनवरी को जिलाधिकारी द्वारा और ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत द्वारा शपथ ग्रहण किया जाएगा. शपथ ग्रहण समारोह में 265 लोगों को एमसीआर चप्पल का वितरण किया जाएगा. मोबाइल वैन के द्वारा धनबाद जिले के सभी प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार- प्रसार किया जाएगा. बैनर, पोस्टर और हैंडबिल के द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सहिया के द्वारा प्रचार – प्रसार किया जाएगा.
जिले में 265 कुष्ठ रोगी
जिले में कुष्ठ रोगियों की कुल संख्या 265 है और इस वर्ष एक सौ बेरासी नए कुष्ठ रोगी मिले हैं . इस रोग से 134 लोग मुक्त हुए हैं . जिले में दो अस्पताल में कुष्ठ रोगियों के ऑपरेशन की सुविधा है. इसमें निर्मला कुष्ट अस्पताल गोविंदपुर और टाटा का जमाडोबा अस्पताल शामिल है. जानकारों का कहना है कि कुष्ठ रोगियों के साथ सामान्य रोगियों की तरह व्यहवार करें . कुष्ठ रोगी के साथ उठना-बैठना, घुमना – फिरना, खाना-पीना करें. कुष्ठ रोग का पूर्णतः उपचार सम्भव है. इलाज मे देर से विकलांगता हो सकती है. कृष्ठ रोग के लक्षण होने पर पास के स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करना चाहिए. कुष्ठ रोग की दवा स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त उपलब्ध है. शरीर पर हर दूधिया सफेद दाग कुष्ठ रोग नहीं होता है.
कुष्ठ रोग के लक्षण
हल्का, फीका रंग अथवा लालिमा लिए हुए छोटा सा बड़ा दाग होना. दाग में सुनापन तथा दाग में दर्द अथवा खुजलाहट नहीं होना. पैर के चमड़े का मोटा होना, चमड़े का रंग लाल होना अथवा चमड़े में छोटे -छोटे गांठ निकल जाना, हाथ अथवा पैर में कमजोरी या विकृति पैदा होना, हाथ की तलहथी या पैर के तलवों में घाव होना, आंखों की पलकों में कमजोरी के कारण आंखें पूरी तरह बंद नहीं होना आदि .
एमडीटी के सारे खुराक का सेवन नियमित रूप से किया जाए तो यह पूर्णत ठीक हो सकता है.
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