Dhanbad : धनबाद थाना क्षेत्र के धैया निवासी गूंगी-बहरी दिव्यांग युवती के साथ दुराचार कर कुंवारी मां बनाने के नाबालिग आरोपी को अदालत ने गुरुवार 8 जून को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. चिल्ड्रेन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह की अदालत ने नाबालिग आरोपी को उम्र कैद के अलावा 20 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना की भी सजा दी है. अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए अदालत परिसर पहुंची दिव्यांग युवती अपनी मां तथा अधिवक्ता अजय कुमार सिंह के साथ मौजूद थी. दिव्यांग युवती की मां ने सजा सुनने के बाद संतोष व्यक्त किया तथा कहा कि न्यायालय पर उसे पूरा भरोसा है.
दिव्यांग युवती की ओर से अदालत में अधिवक्ता अजय कुमार सिंह के अनुसार दिव्यांग महिला थाना में 25 फरवरी 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. आरोप था कि नाबालिग पड़ोसी ने शादी का प्रलोभन देकर दिव्यांग युवती से 3 से 4 माह तक दुराचार किया, जिससे वह गर्भवती हो गई तथा एक पुत्र को भी जन्म दिया. पहले तो आरोपी ने पीडिता के गर्भ से जन्म लेने वाले पुत्र को अपना मानने से इनकार किया. बाद में अदालत के आदेश पर डीएनए टेस्ट कराया गया, जो आरोपी से मिलान हो गया. पुलिस ने अनुसंधान के बाद 31 मार्च 2019 को आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया तथा अदालत में 23 सितंबर 2019 को आरोप का गठन किया गया था. अपर लोक अभियोजक मोहम्मद जब्बार हुसैन ने कुल 7 गवाहों का परीक्षण कराया. आरोपी फिलहाल रिमांड होम में बंद है.
नाबालिग से दुराचार का दोषी करार, सजा 12 जून को
धनबाद : सोलह वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी गोविंदपुर निवासी अनुज कुमार को अदालत ने दोषी करार दिया है. पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 12 जून की तिथि तय की है. प्राथमिकी पीड़िता की मां की शिकायत पर गोविंदपुर थाने में दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के मुताबिक पीड़िता की मां नर्स का काम करती है, जबकि उसके पिता जैप के जवान हैं. मां व पिता के ड्यूटी में रहने के कारण पीड़िता घर में अकेली थी.
24 सितंबर 21 को संध्या 6:45 बजे पीड़िता को घर में अकेली पाकर आरोपी अनुज घर में घुस गया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. अनुज ने इसका वीडियो भी बना लिया और वायरल करने की धमकी दी. जब मां वापस आई तो पीड़िता ने उसे जानकारी दी. अनुसंधान के बाद पुलिस ने 27 नवंबर 21 को अनुज के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. 7 दिसंबर 21 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी. अभियोजन ने कुल 4 गवाहों का, जबकि बचाव पक्ष ने छह गवाहों का परीक्षण कराया था.