Dhanbad : महादेव की पूजा के लिए सावन को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. परंतु 19 वर्ष बाद इस बार सावन के महीने में कई तरह के संयोग बन रहे हैं. पूरे माह विभिन्न त्योहारों के साथ कुल 8 सोमवारी होगी. माह 59 दिनों का होगा. पंचांग के अनुसार सावन माह की शुरुआत चार जुलाई से होगी, जो 31 अगस्त को समाप्त होगी. शिव भक्तों को महादेव की उपासना के लिए दो माह का सावन मिलेगा. मंगलवार से शुरू हो रहे सावन की पूर्णाहुति गुरुवार को होगी. देवघर में भी श्रावणी मेला 31 अगस्त तक चलेगा.
बरसेगी हरि और हर की कृपा
खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी राकेश पांडेय बताते हैं कि सावन मास महादेव को समर्पित है. लेकिन अधिकमास के स्वामी श्री विष्णु हैं. इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. इस बार सावन में पड़ने के कारण यह अधिकमास और भी विशेष हो गया है, क्योंकि इस माह में जो भी जातक निष्ठापूर्वक भगवान का चिंतन-मनन करेगा, उन्हें हरि और हर दोनों की कृपा प्राप्त होगी.
छोटा देवघर बन जाता है अलकडीहा शिव मंदिर
कोयलांचल का प्रसिद्ध शिव मंदिर तिसरा के अलकडीहा में है. यह शिव मंदिर बूढ़ा बाबा नाम से प्रसिद्ध है. शिवलिंग लगभग तीन शताब्दी पुराना है. सावन महीने में यह मंदिर छोटा देवघर का रूप ले लेता है. शिव भक्त पैदल ही दामोदर नदी से जल लाकर बाबा पर अर्पित करते हैं. प्रत्येक दिन एक हजार से अधिक शिव भक्त बाबा को जल चढ़ाते हैं, जबकि सोमवारी को भक्तों की संख्या लगभग 5 हजार से भी अधिक हो जाती. कमल के फूलों ले श्रृंगार होता है.
जमीन के अंदर से खुद से निकला है शिवलिंग
मंदिर के पुजारी आचार्य संदीप शास्त्री ने बताया कि यहां का शिवलिंग जमीन के अंदर से खुद निकला है. बाद में यहां मंदिर की स्थापना की गई. धीरे-धीरे मंदिर को स्थानीय लोगों के सहयोग से भव्य रूप दिया गया. मंदिर कमेटी सावन माह को हर्षोल्लास और धूमधाम से कई आयोजन करती है. बाबा का विशेष पूजन और श्रृंगार भी किया जाता है. इस मंदिर के प्रति लोगों में काफी आस्था है. दूर दराज से लोग यहां जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं.