Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) सुहागिनों का पावन पर्व वट सावित्री व्रत 19 मई को कोयलांचल में हर्षोल्लास मनाया गया. इस अवसर पर सुहागिनों ने उपवास रख वट देवता की पूजा अर्चना कर अखंड सुहाग का आशीर्वाद मांगा. ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष अमावस्या को वट सावित्री पूजा की जाती है. शुक्रवार 19 मई को सुहागिनें सोलह श्रृंगार कर वट वृक्ष के नीचे पहुंची और वट देवता की पूजा कर पुरोहित से सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी. वट वृक्ष की परिक्रमा भी की. इसके बाद बांस के पंखे से वट देवता को शीतल हवा कर सुहाग की सलामती, परिवार की समृद्धि और खुशहाली का वरदान मांगा. पूजा के बाद सुहागिनों ने अपने जूड़े में बरगद का पत्ता लगाया. घर पहुंच पति की आरती उतारकर प्रसाद दिया.
इन जगहों पर हुई पूजा : खड़ेश्वरी
मंदिर, विकास नगर, बैंक मोड़, हाउसिंग कॉलोनी, विनोद नगर, तेलीपाड़ा, बाबूडीह, पुलिस लाइन, मनईटांड़, बरमसिया, पुराना बाजार, बरटांड़, चीरागोड़ा, भूईफोड़ मंदिर.
हर सुहागिन को करनी चाहिए पूजा
खंडेश्वरी मंदिर के पंडित राकेश पांडेय बताते हैं कि शास्त्रानुसार वट सावित्री का पूजन सभी सुहागिनों को करना चाहिए. सावित्री अपने मृत पति सत्यवान को वट वृक्ष के नीचे सुलाकर यमराज के पीछे चल पड़ी थी. अंततः पतिव्रता सावित्री के दृढ संकल्प के आगे यमराज नतमस्तक हो गए व सत्यवान के प्राण लौटा दिये. तभी से वट सावित्री की पूजा की जाती है.