Dhanbad: उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने आज समाहरणालय के सभागार में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की बैठक की अध्यक्षता की. और पदाधिकारियों को जुरुरू दिशा निर्देश भी दिए. उन्होंने बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाकर शत प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया की दवा सुनिश्चित करने की बात कही है. इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ एक अलग से बैठक कर तथा सेल बनाकर इसकी निगरानी करने का निर्देश दिया. निर्धारित लक्ष्य को केवल कागजों पर हासिल नहीं करें, बल्कि एक-एक व्यक्ति तक यह दवा पहुंचनी चाहिए. जेएसएलपीएस के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक अगले तीन-चार दिन में प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर इसके लिए जन जागरूकता अभियान चलाएंगे.
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उपायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, पोषण सखी घर घर जाकर इसकी जानकारी लोगों को देंगे. लोगों को यह भी बताएंगे कि यह बीमारी खतरनाक है. और बढ़ती उम्र के बाद इसका दुष्प्रभाव देखने को मिलता है. और यह लाइलाज भी है. इससे बचने का एकमात्र तरीका इसकी दवाई लेना ही है.
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22 फरवरी से पहले इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार बैंक मोड़ एवं सरायढेला में लगे विशाल एलईडी स्क्रीन तथा केबल टीवी पर किया जाएगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, पथ निर्माण विभाग, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग भी लोगों में जागरूकता लाने के लिए अपनी सहभागिता निभाएंगे.
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उपायुक्त ने कहा कि फाइलेरिया रोग के रोकथाम एवं उन्मूलन के लिए आगामी 22 फरवरी से 27 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा. 22, 23 एवं 24 फरवरी को बूथ पर दवा खिलाई जाएगी. 25, 26 एवं 27 फरवरी को कार्यकर्ता घर-घर जाकर डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की एक खुराक अपने सामने खिलाएंगे. किसी भी व्यक्ति को यह दवा खाली पेट नहीं देनी है. जन जन तक दवा पहुंचाने के लिए विलेज लेवल माइक्रो प्लान बनाया जाएगा.
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बैठक में जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ अभिषेक पॉल ने कहा कि, फायलेरिया एक वैक्टेरिया जनित रोग है, जो संक्रमित क्युलेक्स मच्छर द्वारा फैलाया जाता है. यह जानलेवा बीमारी नहीं है, परंतु इसकी वजह से शरीर में हाथी पांव, हाइड्रोसिल जैसी विकृति पैदा होती है. इससे बचाव के लिए एमडीए कार्यक्रम के दौरान लोगों को दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए. साथ-साथ मच्छर को काटने से अपने को बचाना भी चाहिए.
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इस तरह से दी जाएगी दवा की खुराक 1 से 2 साल तक के बच्चे को एल्बेंडाजोल की आधी गोली (200 एमजी) दी जाएगी. 2 से 5 वर्ष तक को डीईसी की एक गोली (100 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली (400 एमजी). 6 वर्ष से 14 वर्ष तक डीईसी की 2 गोली (200 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली. 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली 300 (एमजी) एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी. 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं अत्यंत वृद्ध एवं बीमार व्यक्तियों को दवा की खुराक नहीं दी जाएगी.
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बैठक में उपायुक्त उमा शंकर सिंह, उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ अभिषेक पॉल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ एसएम जफरुल्लाह, भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी धनबाद के सचिव कौशलेंद्र सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ईशा खंडेलवाल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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