Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) इन दिनों शहर के बाजार में मिलावटी पशु चारा की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. चोकर में लकड़ी की भूसी, मकई के लठ का चूर्ण तो मुंगकुट्टा में मूंग की तरह दिखने वाले राजस्थानी घास व मूंग की तरह दिखने वाले फल के साथ कैमिकल मिलाया जा रहा है. फलस्वरूप पशु बीमार हो रहे हैं. गाय-भैंसों का जीवन संकट में है. यही नहीं आहार के वजन में भी भारी अनियमितता है. 50 की जगह 48 किलो की बोरी मिल रही है, जिससे गोपालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस हेरा फेरी को पशुपालन विभाग ने भी स्वीकार किया है.
ऐसा होना चाहिए पशु आहार का मानक
पशुपालन पदाधिकारी डॉक्टर प्रवीण सिंह का कहना है कि मानक के अनुसार पशु आहार में कुल पच्या तत्व 70 से 75 फ़ीसदी होना चाहिए तथा कच्ची प्रोटीन 20% और रेसा 12% होना चाहिए. परंतु बाजारों में बिक रहे पशु आहार इसके विपरीत हैं.
मिलावटी पशु आहार के कारण व्यापार संकट में
पिछले 30 वर्षों से खटाल चला रहे अमर यादव का कहना है कि इन दिनों दूध का व्यापार मुश्किल में पड़ गया है. मुख्य कारण है शहर में बिक रहे मिलावटी पशु आहार. ऐसा आहार खाकर पशु बीमार पड़ रहे हैं. पशुओं में दूध की कमी हो रही है. मीठापन की कमी के साथ दूध पतला हो रहा है. दूध का व्यवसाय करना कठिन हो गया है.
48 की बोरी बिक 50 किलो के भाव में
खटाल संचालक छोटू यादव बताते हैं कि पशु आहार में मिलावट के साथ वजन भारी अनियमितता से दोहरी मार पड़ रही है. 48 किलो का पैकेट 50 किलो कह कर दिया जा रहा है. मिलावट और ऊपर से वजन में भी हेरा फेरी से दूध का व्यवसाय चलाना बड़ी मुसीबत साबित हो रहा है.
जल्द ही होगी कार्रवाई : प्रवीण कुमार
धनबाद जिला पशुपालन पदाधिकारी प्रवीण सिंह कहते हैं कि पशु आहार में मिलावट की शिकायत कई पशुपालकों से सुनने को मिली है. इस मामले में जल्द ही कार्रवाई होगी क्योंकि मिलावटी आहार खाकर खाकर पशु बीमार हो रहे हैं. यह पशुओं की आंत को नुकसान पहुंचाती है. पशु की पाचन क्रिया में अवरोध होता है. डायरिया, बांझपन आदि समस्या से दूध में कमी आती है, दूध पतला भी होता है.
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