Dhanbad : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में बिना तैयारी के नई शिक्षा नीति (एनईपी) लागू करने का खामियाजा विद्यार्थी भुगत रहे हैं. एक दिन पहले जारी एनईपी सेमेस्टर वन के रिजल्ट में मात्र 28 से 30 फ़ीसदी बच्चे ही पास हुए हैं. 25720 में से मात्र 7300 छात्रों को सफलता मिली है. हालांकि एनईपी के प्रमोशन के नए नियम के अनुसार विषम सत्रों (सत्र 1, 3 और 5) में विद्यार्थियों को नहीं रोकना है. फलतः फेल लगभग 18,000 विद्यार्थियों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया गया है. बावजूद भविष्य में विद्यार्थियों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा
बगैर पढ़ाई व शिक्षक के परीक्षा, मूल्यांकन भी राम भरोसे
एनईपी जुलाई-2022 से शुरू सत्र में लागू किया गया था. पढ़ाई के लिए जिस कॉलेज में जिस आईवीएस विषय की मैपिंग होती, उस कॉलेज में संबंधित विषय का शिक्षक रखा जाना था. परंतु बीबीएमकेयू के किसी भी कॉलेज में शिक्षक की बहाली नहीं हुई. शिक्षक नहीं तो पढ़ाई भी नहीं हुई. विश्वविद्यालय सूत्रों की मानें तो इन विषयों की कॉपियों का मूल्यांकन बीएड व अन्य शिक्षकों से कराया गया.
रोजगारपरक कोर्स के नाम पर ठग लिये लाखों
आईवीएस के तहत शुरू 6 माह के डिप्लोमा कोर्स के लिए सभी विद्यार्थियों से 350 रुपये शुल्क लिये गये थे. ऐसे में 25720 विद्यार्थियों से कुल 9 लाख दो हज़ार रुपये की वसूली की गई. पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज का उदाहरण दें तो यहां 6 आईवीएस कोर्स शुरू होने थे, जिनमें से केवल योगा के लिए ही शिक्षक रखे गए. बाकी सभी कॉलेजों में सभी आईवीएस विषयों की लगभग यही स्थिति रही.
विद्यार्थियों को पता नहीं कि क्या पढ़ना है
आईवीएस विषय के अंतर्गत किसी भी कॉलेज ने अपने यहां पढ़ाये जाने वाले विषय का नाम स्पष्ट नहीं किया था. नई व्यवस्था समझाने के लिए किसी भी कॉलेज में फंक्शनल हेल्प डेस्क नहीं बनाया गया. इस वजह से नामांकन के समय विद्यार्थियों ने अलग-अलग विषय भर दिये, जो उनके चुने हुए कॉलेज में नहीं थे. इसका खामियाजा उन्हें परीक्षा देने के समय भुगतना पड़ा.
कुलपति थपथपा रहे हैं अपनी पीठ
नई शिक्षा नीति लागू करने में बीबीएमकेयू के कुलपति डॉ शुकदेव भोई अपनी पीठ थपथपाने से पीछे नहीं हटते हैं. पूछने पर वह कम शिक्षक व कम संसाधन का हवाला देते हुए एनईपी लागू करने वाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय बनने की क्रेडिट भी लेते हैं.