Dhanbad: आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर इतिहास विभाग और एनएसएस के द्वारा व्याख्यान का आयोजन दो अगस्त को आरएस मोर कॉलेज में हुआ. मुख्य वक्ता के रूप में शामिल बीबीएमकेयू धनबाद के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समन्वयक डॉ धनंजय कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ज्ञान आधारित समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वैश्विक परिदृश्य और भारतीय ज्ञान परंपरा के बीच तालमेल स्थापित करता है. इसका मूल उद्देश्य मौलिक ज्ञान को बढावा देना है. शिक्षा नीति में व्यापक बदलाव कर उसे विद्यार्थी केंद्रित बनाया गया है. विद्यार्थियों को पढ़ाई और विषय की स्वतंत्रता दी गई है. उन्होंने बताया कि छात्रों द्वारा प्राप्त ज्ञान को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में संचित किया जाएगा, जिसे विद्यार्थी आगे की पढ़ाई में उपयोग कर सकेंगे.
प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि अब शिक्षा अंक प्रधान नहीं बल्कि कौशल प्रधान होगी. कार्यक्रम में छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. मंच संचालन हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापिका तरुण कांति खलखो ने और धन्यवाद ज्ञापन दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ अजित कुमार वर्णवाल ने किया. कार्यक्रम में डॉ रत्ना कुमार, डॉ श्याम किशोर सिंह, डॉ अमित प्रसाद, डॉ कुहेली बनर्जी, डॉ कुसुम रानी, सुमिरन कुमार रजक, अविनाश कुमार, सत्य नारायण गोराई, स्नेहलता तिर्की, प्रकाश कुमार प्रसाद, त्रिपुरारी कुमार, विनोद कुमार एक्का, डॉ अवनीश मौर्या, इक़बाल अंसारी, रागिनी शर्मा, पूजा कुमारी, स्नेहलता होरो, मो शारिक, रतन टोप्पो, एतवा टोप्पो, मनोज तिर्की एवं अन्य उपस्थित थे.
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