Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) जमीन या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में खतियान की सत्यापित कॉपी या इसके स्थान पर अंचलाधिकारी कार्यालय (सीओ) से पंजी टू का सत्यापन, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या शुद्धि पत्र जैसे दस्तावेज अनिवार्य कर देने के बाद जिले में रजिस्ट्री की संख्या पर असर पड़ा है. जहां प्रतिदिन 30 से 35 रजिस्ट्री होती थी, वहां नियम लागू होने के बाद पहले दिन सोमवार 4 जुलाई को मात्र एक रजिस्ट्री हुई. मंगलवार को दोपहर 1:30 बजे तक रजिस्ट्री के लिए चार आवेदन आए, लेकिन एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई.
दो दिन में विभाग को हुआ 50 लाख का नुकसान
यदि प्रतिदिन एक रजिस्ट्री का 10 लाख रुपया का औसत भी रखा जाए तो 35 रजिस्ट्री में 3.50 करोड़ रुपये रजिस्ट्री शुल्क देना होगा. ऐसे में कुल राशि के 7% के हिसाब से विभाग को प्रतिदिन 25 लाख रुपये का रेवेन्यू मिलता था. परंतु विगत दो दिन में रजिस्ट्री प्रभावित होने विभाग को 50 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है.
क्या है चेक लिस्ट का नया प्रावधान
एक जुलाई से लागू चेकलिस्ट के नए प्रावधान में रजिस्ट्री के मूल नियमों से कोई छेड़ छाड़ नहीं की गई है. परंतु रजिस्ट्री करानेवाले लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है. नए नियमों में जमीन क्रेता एवं विक्रेता को डीड के साथ खतियान की सत्यापित कॉपी लगाना होगा. इस दस्तावेज के नहीं होने पर अंचलाधिकारी से पणजी 2 का सत्यापन, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या शुद्धि पत्र उपलब्ध कराना होगा, जो काफी दुरूह कार्य है. तकनीकी रूप से नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन जहां पहले ऑनलाइन खतियान सत्यापित कर रजिस्ट्री होती थी, अब सरकार के इस नए फरमान ने जमीन क्रेता व विक्रेता को सर्वे ऑफिस एवं अंचलाधिकारी कार्यालय की दौड़ लगाने पर विवश कर दिया है.
डीड राइटरों ने भी किया विरोध
सरकार के इस नए फरमान का डीड राइटरों ने भी विरोध किया है. इस वजह से सोमवार 4 जुलाई को धनबाद और गोविंदपुर रजिस्ट्री कार्यालय में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पूरी तरह ठप रही. डीड राइटरों का कहना है कि नए प्रावधान से सिर्फ लोगों की परेशानी बढ़ेगी, क्योंकि ऑनलाइन में भी वही खतियान चढ़ाए गए हैं, जो ऑफलाइन में मिलेंगे. ऐसे में नए फरमान का कुछ मतलब ही समझ में नहीं आ रहा. डीड राइटरों की मानें तो वर्ष 1932 से जिले के शहरी क्षेत्र एवं कॉरपोरेशन एरिया का सर्वे नहीं हुआ है. इस वजह से खतियानी दस्तावेज में भी काफी पेच है. ऑफलाइन होने पर मुद्रामोचन बढ़ने की संभावना है.
15 दिन में सीओ जवाब नहीं दे तब भी होगी रजिस्ट्री
खतियान की अभिप्रमाणित कॉपी नहीं मिलने पर एलपीसी, पंजी 2 का सत्यापन, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या शुद्धि पत्र के लिए सीओ के पास आवेदन करने का प्रावधान है. साथ ही रजिस्ट्री के दस्तावेज के साथ सीओ ऑफिस में दिए गए आवेदन की रिसीविंग कॉपी लगाने को कहा गया है. लेकिन यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि सीओ कार्यालय से 15 दिनों के अंदर ईमेल के जरिये जवाब नहीं मिलता है तो भी रजिस्ट्री होगी. सवाल यह उठता है कि जब बिना जवाब के भी रजिस्ट्री की जा सकती है तो 15 दिन का इंतजार क्यों.
क्या कहते हैं अधिकारी
धनबाद डिस्ट्रिक्ट सब रजिस्ट्रार उज्जवल मिंज का कहना है कि “फर्जीवाड़ा रोकने के लिए पुराने नियमों में ही नया प्रावधान किया गया है. नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सरकार का नया आदेश इतना ही है कि ऑनलाइन डाउन लोड किये गए दस्तावेज के स्थान पर अब खतियान की सत्यापित कॉपी के आधार पर रजिस्ट्री की जाएगी.”
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