Dhanbad : निर्जला एकादशी इस बार 31 मई को पड़ रही है. इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस बार निर्जला एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत दो शुभ संयोग बन रहे हैं. इस वजह से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
पंडित राकेश पांडेय ने बताया निर्जला एकादशी को सभी एकादशी में सर्वोत्तम माना गया है. यह व्रत काफी कठिन है. इसमें अन्न-जल ग्रहण नहीं करना है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 30 मई की दोपहर 01:07 बजे से होगा और अगले दिन यानी 31 मई की दोपहर 01:45 बजे तिथि का समापन होगा. उदयातिथि की मान्यता के अनुसार व्रत 31 मई को रखा जाएगा. इस दिन सर्वार्थ सुबह 05:24 बजे से 6 बजे तक रहेगा.
इन वस्तुओं का करें दान
निर्जला एकादशी पर दान का भी विशेष महत्व है. इस दिन अनाज, तील, वस्त्र, फल, नमक आदि का दान करने से विशेंष्य पुण्य की प्राप्ति होती है.
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