Dhanbad : धनबाद जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में मरीजों को भीषण गर्मी में पानी की घोर किल्लत झेलनी पड़ रही है. 500 बेड के इस अस्पताल में कुल 18 वाटर कूलर लगे हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर खराब हैं. मरीजों को बाहर से 20 रुपए बोतल (एक लीटर) पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है.
अस्पताल में प्रतिदिन दो से ढाई हजार मरीजों और उनके परिजनों का आना-जाना होता है. लेकिन सबसे जरूरी पीने के पानी की कमी यहां की व्यवस्था की पोल खोल रही है. अस्पताल में उपकरणों के रखरखाव और मेंटेनेंस पर हर साल लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. लेकिन खराब वाटर कूलर की मरम्मत कराने की किसी को फुर्सत नहीं. ओपीडी में तीन वाटर कूलर मशीन हैं. इसमें से एक खराब है. एक मशीन अधीक्षक कार्यालय में लगी है, जिस पर कर्मचारियों का कब्जा है. दूसरी मशीन ग्राउंड फ्लोर पर सरकारी दवाखाना के पीछे एक कमरे में बंद है. इसका इस्तेमाल भी सिर्फ कर्मचारी ही करते हैं.
प्रसूति विभाग मेंं 3 वाटर कूलर मशीन, 2 खराब हैं
प्रसूति रोग विभाग में तीन वाटर कूलर मशीन हैं. दो बाहर लगी हैं और दोनों खराब हैं. तीसरी मशीन अंदर लगी है, जिसका लाभ मरीजों और उनके परिजनों को नहीं मिल रहा है. इनडोर ब्लॉक में एकमात्र वाटर कूलर मशीन को आईसीयू के बगल वाले कमरे में बंद करके रखा जाता है. यहां से सिर्फ डॉक्टर और कर्मचारी पानी लेते हैं. मरीजों को यहां जाने की इजाजत नहीं है. इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को या तो टंकी का पानी पीना पड़ता है या फिर बाहर से खरीद कर पीते हैं.
प्रबंधन की लापरवाही का फायदा उठा रहे दुकानदार
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का सीधा फायदा आसपास के दुकानदार उठा रहे हैं. बाजार में जो पानी की बोतल 15 रुपए में मिलती है, उसे यहां के दुकानदार 20 रुपए में बेच रहे हैं. मरीज और उनके परिजन मजबूरी में इसे खरीद रहे हैं.
खराब वाटर कूलर की मरम्मत जल्द : अधीक्षक
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार बरनवाल ने बताया कि यहां कुल 18 वाटर कूलर लगाए गए हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि इनमें से कुछ ही काम कर रहे हैं. ज्यादातर खराब पड़े हैं. खराब वाटर कूलर की मरम्मत कर लगाने का निर्देश दे दिया गया है, ताकि गर्मी में मरीजों को पीने का ठंडा पानी मिल सके.
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