Nirsa: निरसा (Nirsa) कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के समय 1973-74 में लायकडीह मौजा के चार प्लाट में 66 डिसमिल जमीन पर एक स्थानीय व्यक्ति ने कब्जा कर लिया था. न्यायालय के आदेश पर रविवार 26 जून को कार्यपालक दंडाधिकारी (एक्यूटिव मजिस्ट्रेट) कुमार बंधु कश्यप की मौजूदगी में ईसीएल को इस जमीन पर दखल दिलाया गया. यह जानकारी देते हुए ईसीएल मुगमा एरिया के पर्सनल मैनेजर विमल कुमार भौमिक ने बताया कि लायकडीह मौजा का प्लॉट नं 562,562/1353,563,628 पर 66 डिसमिल जमीन पर कब्जा के लिए ईसीएल की ओर से 1995 में धनबाद सिविल कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. लगभग 22 वर्षों तक मामला चलने के बाद धनबाद सिविल कोर्ट ने 2017 में ईसीएल के पक्ष में जमीन अधिग्रहण का फैसला सुनाया.
उसके बाद वादी ने 2/2018 को पुनः याचिका दायर की. परंतु न्यायालय ने उसे भी 2020 में खारिज कर पुनः ईसीएल के पक्ष में ही फैसला दिया. उसी फैसले के आलोक में रविवार 26 जून को पुलिस बल व कार्यपालक दंडाधिकारी की मौजूदगी में जमीन को मुक्त कराया गया. उन्होंने कहा कि जमीन पर बने झोपड़ीनुमा घर व चहारदीवारी को जेसीबी से ध्वस्त कर जमीन ईसीएल के अधिकारियों को सुपुर्द की गई. मौके पर एरिया के लैण्ड पदाधिकारी रंजीत सिंह भटसे के अलावा चिरकुंडा पुलिस, सीआईएसएफ, कोलियरी के सिक्यूरिटी गार्ड भारी संख्या में मौजूद थे.
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