Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) 51 वां स्थापना दिवस दो जोड़ियों तक सिमट कर रह गया है. धनबाद में पार्टी के मूलवासियों और आदिवासी चेहरों को दरकिनार कर समन्वय समिति के सदस्य अमितेश सहाय और नीलम मिश्रा अपना चेहरा चमकाने में तनमन धन से लगे हुए हैं. धनबाद में पार्टी के एक मात्र विधायक मथुरा महतो सहित पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश टुडू को अलग थलग कर दिया गया हैं. शहर में लगे होडिंग पोस्टर में भी अमितेश सहाय बैठे हुए हैं. गोल्फ ग्राउंड में स्थापना दिवस की तैयारी के दौरान पार्टी के कई बड़े लोगों के साथ उनकी तू तू मैं मैं हो चुकी है.
दोनों की जोर आजमाइश से हर कोई परेशान
प्रेस कांफ्रेंस में भी अक्सर यही दोनों चेहरा नजर आता है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा जोर पकड़ रही है कि झामुमो में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी में सबको दरकिनार कर बड़ी जगह पाने के लिए दोनों की जोर आजमाइश से साधारण कार्यकर्ता भी परेशान हैं. कुछ जानकारों का कहना है कि ऐसे ही कुछ तथाकथित दिग्गजों के कारण पार्टी की फजीहत हो रही है.
पार्टी में जारी है अलगाव
झामुमो इन दिनों गुटबाजी के लिए ज्यादा चर्चित हो रहा है. पहले मथुरा महतो और रमेश टुडु की गुटबाजी के कारण जिला कमेटी भंग हुई. पिर पार्टी की संयोजक मंडली में अमितेश और नीलम को जगह मिल गई. इसी के साथ पार्टी में एक नया गुट बन गया. जिसमें इस जोड़ी का मुकाबला दूसरे गुट के नेता मथुरा महतो से है. मथुरा महतो पार्टी के पुराने चेहरे है. वर्ष 2005 से लगातार जीत भी हासिल करते आ रहे हैं. सिर्फ 2014 में चुनाव हारे थे. 2019 में टुंडी विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल कर विधायक बने. परंतु इस पुराने चेहरे को भी नई जोड़ी ने दरकिनार कर रखा है. झामुमो के कार्यक्रमों में ऐसी झलक साफ देखने को मिल रही है.
प्रखंड अध्यक्ष की हो चुकी है फजीहत
29 जनवरी 2023 को टुंडी में झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष लोलिन बास्की को रामपुर मोड़ पर झामुमो कार्यकर्ताओं ने ही बंधक बना लिया था. कार्यकर्ता उनपर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा रहे थे. साथ ही संगठन में रहकर गद्दारी करने का भी आरोप था. घंटों फजीहत झेलने के बाद पुलिस की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं ने उन्हें छोड़ा था.
पार्टी के झंडे का भी नहीं हो रहा सम्मान
झामुमो का स्थापना दिवस 4 फरवरी यानी कल शनिवार को है. पार्टी सुप्रीमो को खुश करने के लिये अमितेश और नीलम की जोड़ी ने पूरे शहर को होडिंग व पोस्टर से पाट दिया है. चौक-चौराहों से लेकर स्ट्रीट लाइट के पोल तक झंडे लगाये गए हैं. है. परंतु उन झंडों के सम्मान की चिंता किसी को नहीं है. शुक्रवार को शहर के गांधी चौक पर लगा झंडा सड़क पर गिर गया. दर्जनों गाड़ियां झंडे को रौंदती हुए पार हो रही थी, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं था.