Nirsa : निरसा (Nirsa) ईसीएल मुगमा एरिया के कापासारा आउटसोर्सिंग प्रबंधन द्वारा बुधवार 31 अगस्त को बंगाल-बिहार धौड़ा के मुख्य रास्ता के समीप तार से घेराबंदी का ग्रामीण ने विरोध किया और काम बंद करा दिया. साफ सफाई में लगी जेसीबी मशीन को भी वापस लौटा दिया. ग्रामीणों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने प्रबंधन पर भेदभाव बरतने का आरोप लगाया.
खदान को धौड़ा के समीप लाने से खतरा बढ़ा
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे काशीनाथ शर्मा ने कहा कि ईसीएल प्रबंधन धौड़ा के ग्रामीणों को परेशान करने में लगा है. हैवी ब्लास्टिंग से धौड़ा के लोग पहले से परेशान हैं. अब खदान को धौड़ा के समीप लाया जा रहा है, जिससे खतरा और बढ़ जाएगा. प्रबंधन ने वार्ता में विस्थापन नीति के तहत मुआवजा और ग्रामीणों को घर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने की बात कही थी. परंतु चार साल बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी.
पहले दें जमीन व मुआवजा, तभी हटेंगे
उन्होंने कहा कि वे लोग कोलियरी विस्तारीकरण के विरोधी नहीं हैं, लेकिन कोयला उत्पादन में सुरक्षा का ख्याल रखना होगा. पहले यहां के लोगों को मुआवजा और जमीन मुहैया कराया जाए. बिजली पानी की व्यवस्था करे, तभी यहां से हटेंगे. पर सुरक्षा के नाम पर घेराबंदी कर खदान को धौड़ा की ओर बढ़ने नहीं देंगे. विरोध करने वालों में काशीनाथ शर्मा, सीताराम सिंह, दिलीप महतो, सुदामा केसरी, अनिल शर्मा, राम सिंह, बबलू सिंह, मैनेजर यादव, राजेश सिंह, सुधीर शाह, जतन सिंह सहित दर्जनों ग्रामीण शामिल थे.
यह भी पढ़ें: धनबाद: निरसा और मैथन में बेखौफ चल रहा जुआ अड्डा, प्रशासन बेफिक्र