Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) ‘ज्यादा कानून मत बताओ, तुम जज हो क्या… बहुत जज को देखा है. जो करना है कर लो. तीन-चार केस और करवा दो. जब रुपये नहीं हैं तो बच्चे को तुम पढ़ाते क्यों हो? तुम्हारे जैसे बहुत वकील और जज को देखे हैं’. डीएवी पब्लिक स्कूल कोयला नगर के ऑफिस सुपरिंटेंडेंट ने अधिवक्ता अनूप कुमार सिन्हा से इसी लहजे में बातचीत की. अधिवक्ता ने ऑफिस सुपरिंटेंडेंट जॉर्ज बर्नाड डिक्रूज के विरुद्ध अदालत में मुकदमा दर्ज कराया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि ऑफिस सुपरिंटेंडेंट ना केवल उनके साथ अभद्रता की, बल्कि न्यायिक पदाधिकारियों पर भी अभद्र टिप्पणियां की है. धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय सिंह की अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. 27 मई को मामले की सुनवाई होगी.
बच्चे को बैठा कर रखा, थाना को सूचना दी तो छोड़ा
अधिवक्ता का कहना है कि कि एडमिट कार्ड देने के एवज में जबरन उनसे 46 हजार 220 रुपए ले लिये गए. रुपये ना मिलने तक जबरन उनके बच्चे को बैठा कर रखा गया. जब उन्होंने सरायढेला थाने सूचना दी तो बच्चे को छोड़ दिया गया. मुकदमे में कहा गया है कि कि विगत 21 अप्रैल को उनके वाट्सएप पर सूचना आई कि एडमिट कार्ड लेने के लिए वह बच्चे के साथ स्कूल पहुंचें. वह अपने बच्चे के साथ डीएवी स्कूल कोयला नगर पहुंचे. वहां शिक्षकों ने उनसे 46 हजार 220 रुपये की मांग की. कहा कि रुपये जमा करने पर ही एडमिट कार्ड मिलेगा. अधिवक्ता ने कहा कि एडमिट कार्ड सीबीएसई द्वारा जारी किया गया है, जिसमें कहीं नहीं लिखा है कि बिना रुपये एडमिट कार्ड नहीं दिया जाएगा. झारखंड सरकार ने भी कोरोना महामारी के दौरान आदेश जारी किया है, जिसमें ट्यूशन फीस छोड़कर अन्य शुल्क लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
कोविड काल में कोई सुविधा नहीं , फिर भी रुपये वसूले
आरोप लगाया कि स्कूल के ऑफिस सुपरिंटेंडेंट ने उनके और न्यायिक पदाधिकारियों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाई. मानहानि की, रंगदारी की, उनके बच्चे को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. बच्चा स्कूल में ही फफक कर रोने लगा. सिन्हा का कहना है कि उनके बच्चे ने कोविड काल में डीएवी स्कूल की बस की सुविधा नहीं ली. बावजूद उनसे बस का किराया, इस्टैब्लिशमेंट फीस, एरियर, एनुअल चार्ज सब जोड़कर ले लिया गया. उन्होंने कहा कि सरायढेला थाना प्रभारी किशोर तिर्की से लिखित शिकायत की. बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. विवश होकर अदालत की शरण लेनी पड़ी. वही उन्होंने कहा कि मामला क्रिमिनल एक्ट के तहत आता है. उन्होंने कहा डीसी या डीएसई कानून नहीं जान रहे हैं.
सब झूठ : इधर, डीएवी कोयला नगर के प्राचार्य एएन श्रीवास्तव ने लगातार से कहा कि यह सब झूठ है. मुझे अभी जानकारी मिली. आखिर ऐसा कोई क्यों करेगा?
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