Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) शहर की सड़कों पर सांड़ रूपी ‘यमराज’ का तांडव जारी है. साड़ों के खौफ से लोग घरों से निकलने से डर रहे हैं. कई बच्चों ने तो डर के मारे ट्यूशन-कोचिंग जाना छोड़ दिया है. सड़कों पर बेखौफ घूमते इन सांड़ों के हमले से अक्सर लोग घायल हो रहे हैं. कई लोग तो मौत के मुंह में जाते-जाते बचे हैं. लोगों की शिकायत और मीडिया में लगातार प्रकाशित हो रही खबरों के बावजूद नगर निुगम और जिला प्रशासन के जिम्मेदार साड़ों के हमलों से अनजान बने हुए हैं. साड़ से राहगीरों को बचाने के लिए अब तक कोई कार्रवाईे नहीं की गयी है.
धनबाद की सड़कों पर बेखौफ घूम रहे साड़ों के हमलों से पिछले एक महीने में दर्जनों लोग घायल हुए हैं. 60 वर्षीय श्याम सुंदर प्रसाद बताते हैं कि करीब 20 दिन पहले उनका सामना एक सांड़ से हो गया. साड़ ने अपनी सींगों से उन पर कई बार प्रहार किया. कई पटकनी भी दी. जिस समय सांड़ उन्हें सींगों से उठाकर पटक रहा था, ऐसा लग रहा था माने साक्षात यमराज उसके प्राण लेने आए हैं. वह उससे अपनी जान की भीख मांग रहा था.
प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो हो सकता है बड़ा हादसा
काल बने आवारा साड़ों को भगाने के लिए शहर के लोगों ने कई हथकंडे अपनाए, पर सफल नहीं हुए. कई बार नगर निगम और जिला प्रशासन से लिखित शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. एक पीड़ित सुनील कुमार ने कहा कि प्रशासन और गोरक्षा दल के सेवकों को सड़कों व गली-मोहल्लों में विचरण करते सांड़ों को पकड़कर गौशालाओं को सौंप देना चाहिए, नहीं तो वे किसी की भी जान ले सकते हैं.
भूख या हीट में होने से आक्रामक होते हैं सांड़
पशुपालन विभाग के डॉ. प्रवीण सिंह कहते हैं कि जानवरों में आक्रामकता का कारण भूख हो सकती है. सांड़ आक्रामक दो कारणों से होते हैं. पहला जब वे भूखे होते हैं और दूसरा जब हीट में होते हैं. डॉ. प्रवीण के अनुसार जानवर व पशु मौसम के हिसाब से हीट में आते हैं. वहीं, गोरक्षा दल के शुमंत भदनी ने कहा कि वह कई बार लावारिस पशुओं को पकड़वाकर गोशालाओं में भिजवाए, लेकिन गोशाला संचालकों ने रखने से मना कर दिया. उन्होंने आवारा पशुओं को रखने के लिए सरकार से जमीन मुहैया कराने की मांग की, ताकि वहां पशुओं को रखा जा सके. लगातार रिपोर्टर ने इस मुद्दे पर राय जानने के लिए धनबाद के नगर आयुक्त सत्येंद्र प्रसाद को 9 बार फोन किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
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