Katras: कतरास (Katras) चंदौर के रैयतों द्वारा मुआवजे एवं नियोजन कि मांग को लेकर शनिवार 10 दिसंबर को वेस्टमोदीडीह में संचालित बीएस माइनिंग आउटसोर्सिंग कंपनी के मशीन बंद कर धरना देने का आन्दोलन को कंपनी के कार्यरत कर्मी व पुलिस ने विफल कर दिया. चार लोगों को गिरफ्तार कर उन पर सरकारी कार्य में बांधा डालने, गाडी में तोड़फोड़ करने एवं मारपीट करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कर जेल भेजा गया. बंद की सूचना पर पुलिस पहुंची. इसके बाद रैयत व कर्मियों के बीच नोंकझोंक शुरू हो गई, पुलिस ने बल प्रयोग कर सभी आंदोलनकारियों को खदेड़ दिया व चार रैयतो को पकड कर साथ ले गई.
पुलिस ने लोगों को समझाया, नहीं माने तो पकड़ लिया
उसके बाद कंपनी का काम सामान्य हो गया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नियोजन एवं मुआवजे की मांग को लेकर रैयत व विस्थापितों ने वेस्टमोदीडीह में संचालित आउटसोर्सिंग कंपनी की मशीनों का काम बंद कर धरना-प्रदर्शन का निर्णय किया था, रैयत धरना स्थल पहुंचे व परियोजना के भीतर जाकर मशीनों का काम बंद करा दिया, तभी आउटसोर्सिंग कंपनी के कुछ कर्मी आए और मशीनों को चालू कराने का प्रयास करने लगे. दोनों ओर से धक्का-मुक्की होने लगी. उसके बाद पुलिस ने लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने पुलिस की बात नहीं मानी. तब पुलिस ने धनंजय सिंह, अमन सिंह व मृत्यूंजय सिंह, एवं छोटू सिंह को गिरफ्तार कर लिया व साथ ले गयी.
पुलिस आउट सोर्सिंग कंपनी की लठैत : रैयत
परिजनों का कहना था कि पुलिस आउट सोर्सिंग कंपनी की लठैत बन गई है. अपने जमीन के बदले मुआवजा नियोजन मांगे जाने पर कंपनी प्रबंधन पुलिस के बल पर लठैतो का उपयोग कर झूठा मामला दर्ज कर जेल भेज रहा है. रैयत धन्नजय सिंह ने कहा कि अगर अपनी जमीन के बदले हक अधिकार मांगना अपराध है तो हम रैयत यह अपराध बार बार करेंगे. तेतुलमारी थानेदार आषिश यादव ने बताया कि सरकारी कार्य में बाधा डालने, गाडी में तोड़फोड़ करने एवं पुलिस के साथ मारपीट करने का मामला दर्ज कर चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.