Katras : शहर के जाने माने मंदिरों में एक सालासार बालाजी के मंदिर की अपनी खासियत है. मंदिर की कमेटी द्वारा न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक व रचनात्मक कार्य अक्सर किए जाते रहे हैं. मंदिर का भार आचार्य रासबिहारी शर्मा व राजबिहारी शर्मा के जिम्मे है. पंडित शर्मा ने बताया कि मंदिर प्रांगण में शांति, प्रगति, समृद्धि व खुशहाली के लिए अनुष्ठान होता रहता है. इस वर्ष वार्षिकोत्सव में सरकार के निर्देश का अक्षरशः पालन किया जाएगा. धार्मिक अनुष्ठान कराए जाएंगे. 15 से 17 अप्रैल तक इस अनुष्ठान में जिले के श्रद्धालु भाग लेंगे.
110 साल पहले हुआ मंदिर का निर्माण
न्होंने बताया कि मंदिर की स्थापना स्वर्गीय जानकी प्रसाद चौधरी ने करीब 110 वर्ष पूर्व की थी. यह मंदिर करकेंद -कतरास मुख्य मार्ग पर पंचगढी बाजार में अवस्थित है. मंदिर के परिसर का कुआं गर्मी में भी नहीं सूखता है. मूर्ति राजस्थान के सालासार धाम से लाकर स्थापित की गई है. पहले मंदिर छोटे रूप में था. स्व. जानकी बाबू के पौत्र ने 50 वर्ष पूर्व इसे बड़ा रूप दिया.
सेवा भाव से सामाजिक कार्यों में भी कमेटी की भूमिका
प्रत्येक साल सावन मास में देवघर व सुलतानगंज के बीच इनारावरण में 24 घंटे का निःशुल्क सेवा मंदिर कमेटी की ओर से की जाती है. जिसमें राहगीरों के लिए दवा ,भोजन, गर्म व ठंडा जल, चाय, शर्बत, सत्तू एवं मसाज की व्यवस्था कराई जाती है. इसमें कतरास शहर के व्यवसायियों का भी सहयोग रहता है. हर साल हनुमान जयंती पर चार दिवसीय कार्यक्रम होता है. इस अवसर पर पूजा-अर्चना करनेवाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है. मंदिर में पूजा की व्यवस्था और देखभाल स्व पंडित सांवरमल शर्मा एवं उनके पुत्रों द्वारा की जाती है.
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