Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) आईआईटी-आइएसएम के पूर्व प्रोफेसर राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता प्रो अरविंद कुमार मिश्रा ने 21 नवंबर सोमवार को सीएसआईआर-सिंफर के निदेशक का पदभार ग्रहण कर लिया. वर्तमान प्रभारी निदेशक डॉ शुद्धसत्व बसु ने उन्हें प्रभार सौंपा. बता दें कि प्रो मिश्रा इसके पूर्व 22 वर्षों तक आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के खनन इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष थे. वर्ष 2016 में प्रो मिश्रा को राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय जियोसाइंस अवार्ड से भी सम्मानित किया था. उन्हें यंग माइनिंग इंजीनियर के रूप में अभिराज बलदोता मेमोरियल गोल्ड मेडल अवार्ड – 2012 भी मिल चुका है. डॉ मिश्रा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित खनन विषय क्षेत्र के वैश्विक शोधकर्ताओं के शीर्ष वैज्ञानिकों में से एक हैं.
कोल इंडिया में खनन इंजीनियर का अनुभव
प्रो. अरविंद कुमार मिश्रा ने खनन इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक एनआईटी, रायपुर से किया था. आईआईटी आइएसएम से पीएचडी पूरी की. उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड में तीन वर्ष खनन इंजीनियर के रूप में शिक्षण, औद्योगिक और प्रशासनिक अनुभव है. ओरिका माइनिंग सर्विसेज, ऑस्ट्रेलिया में तकनीकी सेवा प्रबंधक के रूप में 4 वर्ष भारतीय व्यापार के तकनीकी सेवा समारोह का नेतृत्व किया.
ओपनकास्ट व ड्रिलिंग में आधुनिक तकनीक विकसित की
डॉ. मिश्रा ने ओपनकास्ट एंड अंडरग्राउंड माइनिंग टेक्नोलॉजी, ड्रिलिंग एंड ब्लास्टिंग टेक्नोलॉजी, रॉक एक्सकेवेशन इंजीनियरिंग, टनलिंग, जियो-मैकेनिक्स, ग्राउंड कंट्रोल और स्ट्रैट मैनेजमेंट के क्षेत्र में योगदान दिया है. सामरिक उद्देश्यों के लिए कैवर्न परियोजनाएं, जम्मू-कश्मीर में रेलवे, हिमालय क्षेत्र में फॉर्मेशन कटिंग और स्लोप स्टेबिलिटी, माइन प्लानिंग और डिजाइनिंग, लैंड यूज पैटर्न, माइन एक्सेस सिस्टम और खनन उद्योग में एआई-आधारित ऑटोमेशन में आधुनिक तकनीक विकसित करने में योगदान दिया है.
कई देशों की कंपनियों को दी सलाह
डॉ मिश्रा जर्मनी, फ्रांस, इटली, सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड, फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया, चीन, दुबई, तंजानिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के कई कंपनियों को खनन और निर्माण परियोजनाओं से संबंधित तकनीकी परामर्श दे चुके हैं. वह तकनीकी सलाहकार के रूप में डीआरडीओ की रणनीतिक परियोजनाओं से भी जुड़े रहे हैं.
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