Dhanbad : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय प्रशासन (बीबीएमकेयू) ने अंगीभूत कॉलेजों में वर्तमान सत्र 2023-25 से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद कर दी है. राज्य सरकार के आदेश के बिना कुलपति प्रो शुकदेव भोई ने प्राचार्यों के साथ बैठक में निर्णय ले लिया. इसी के साथ जिले के छात्र संगठन, छात्र व झारखंड अभिभावक महासंघ विरोध में उतर आया है.
निजी स्कूलों को बढ़ावा देने की साजिश
झारखंड अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष पप्पू सिंह ने इसे साजिश बताते हुए मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ट्वीट किया है. उनका कहना है कि जिले के निजी स्कूलों में प्लस टू की सीटें खाली रह जाती हैं. अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद होने पर इसका सीधा लाभ निजी स्कूलों को मिलेगा.
बिना लैब व आधारभूत संरचना के कैसे होगी पढ़ाई
बीबीएमकेयू के आजसू छात्र संघ के अध्यक्ष विशाल महतो ने कहा कि बिना किसी तैयारी के जिले के सरकारी प्लस टू विद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय गलत होगा. क्योंकि उन स्कूलों में छात्रों के अनुपात में न तो बेंच-डेस्क है न ही आधारभूत संरचना. बिना लेबोरेटरी के इंटरमीडिएट साइंस की पढ़ाई भी बेमानी होगी. आने वाले दिनों में यदि विद्यार्थियों को परेशानी होती है तो वे विरोध की रणनीति बनाएंगे
एक ही राज्य के दो विश्वविद्यालयों में अलग नियम
बता दें कि अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने को लेकर अभी राज्य सरकार की ओर से कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं हुई है. ऐसे में कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन ने पत्र जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि सत्र 2023-25 में इंटरमीडिएट में नामांकन लेंगे. बिनोवा भावे विश्वविद्यालय ने भी इंटरमीडिएट के नामांकन पर रोक नहीं लगाई है. ऐसी हालत में बीबीएमकेयू प्रशासन के इस निर्णय का चौतरफा विरोध हो रहा है.