Dhanbad: धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले पत्रकारों ने एक दिवसीय धरना दिया. साथ ही झारखंड में लगातार पत्रकारों की हत्या एवं बढ़ते हमले को मद्देनजर उपायुक्त की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया.
पत्रकारों ने बताया कि झारखंड में बीते 5 वर्षों में पत्रकारों की हत्याएं, झूठे मुकदमे और हमलों के दो दर्जन से अधिक मामले सामने आये हैं. अब तक जिन पत्रकारों की हत्याएं हुई हैं, उन सभी मामलों के आरोपी जमानत पाने में भी सफल रहे हैं. राज्य में मीडिया के बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा पत्रकार सुरक्षा कानून के बिना संभव नहीं है.
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पत्रकार कर रहे पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग
सरकार की ओर से वर्ष 2013-14 में पत्रकार स्वास्थ्य बीमा की शुरुआत की गयी थी. जर्नलिस्ट एसोसिएशन छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर झारखंड में भी पत्रकारों को भयमुक्त वातावरण देने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की है. साथ ही ओडिशा सरकार की तर्ज पर पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा, पत्रकार पेंशन योजना को लागू करने की मांग की गयी है.
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समिति में कम से कम एक महिला पत्रकार का होना जरुरी है
जब तक पत्रकार सुरक्षा कानून का प्रारूप तैयार नहीं होता तब तक झारखंड सरकार द्वारा मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए एक राज्य-स्तरीय समिति का गठन किया जाए. यह समिति मीडियाकर्मियों के साथ हो रहे उत्पीड़न, धमकी और हिंसा की शिकायतों पर से संबंधित मामले की सुनवाई 72 घंटे के अंदर करेगी. समिति में एसपी सहित पुलिस महानिदेशक रैंक के एक पदाधिकारी भी शामिल हों.
समिति में तीन मीडियाकर्मी होने चाहिए, जिन्हें कम से कम बीस वर्षों की पत्रकारिता का अनुभव हो. इनमें से कम से कम एक महिला पत्रकार को शामिल किया जाए. मीडियाकर्मी इस समिति के सदस्य के रूप में केवल दो वर्षों के लिए नियुक्त हो सकते हैं और लगातार दो कार्यकाल के लिए किसी की नियुक्ति ना की जाए.
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