Baghmara : धनबाद (Dhanbad) जिले के महुदा रेलवे स्टेशन पर 21 अक्टूबर को ट्रेन दुर्घटना का नजारा पेश किया गया. रेलवे सुरक्षा से जुड़े कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए ट्रेन में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल भेजा. चिंतित होने की कोई बात नहीं, दरअसल यह सच्ची दुर्घटना नहीं थी, बल्कि मॉक ड्रिल था. इसके जरिए आद्रा रेल मंडल अपने कर्मियों की तत्परता को परखा. रेल प्रबंधन ने एनडीआरएफ के साथ मिलकर इस “मॉक ड्रिल “का आयोजन किया था.
5 मिनट में रवाना हुई रिलीफ ट्रेन
ट्रेन दुर्घटना होने पर रेलवे जिस प्रकार हूटर बजाकर दुर्घटना की सूचना देता है, उसी प्रकार मॉक ड्रिल में भी हूटर बजाया गया. हूटर बजने के 5 मिनट के अंदर मंडल के आपदा प्रबंधन दल के सभी अधिकारी व कर्मचारी सेल्फ प्रोपेल्ड एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन (एसपीएआरएमवी) से पहुंचे. उन्हें बताया गया कि गाड़ी संख्या 00047 (रांची-मसाग्राम एक्सप्रेस) महुदा यार्ड में दुर्घटनाग्रस्त हो गई है. इसके बाद सुबह 10:15 बजे रिलीफ ट्रेन को महुदा स्टेशन के लिए रवाना कर दिया गया. रिलीफ ट्रेन के दुर्घटना स्थल पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही राष्ट्रीय आपदा बचाव दल की टीम भी पहुंची और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया.
आद्रा के डीआरएम समेत वरीय अधिकारी पहुंचे
आद्रा रेल मंडल डीआरएम मनीष कुमार, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी डी. माझी, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रणधीर सिंह व अन्य अधिकारी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे. आनन-फानन में “प्राथमिक चिकित्सा”, “हेल्पलाइन” समेत कई बूथ लगाए गए. यात्रियों के परिजनों की सुविधा के के लिए मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर भी हेल्पलाइन बूथ खोला गया. हल्की चोट लगने वाले यात्रियों को प्राथमिक चिकित्सा देने तथा गंभीर रूप से घायलों को नजदीकी अस्पताल भेजने का अभ्यास किया गया. लावारिस पड़े सामानो को “लगेज” बूथ में पहुंचाया गया. मृतकों की पहचान का भी अभ्यास किया गया. डीआरएम मनीष कुमार ने बताया कि इस मॉकड्रिल का मूल उद्देश्य सभी रेल कर्मियों की तत्परता की जांच करना था, ताकि हम किसी भी परिस्तिथिति का सामना करने के लिए हर क्षण तैयार रहें.
यह भी पढ़ें : धनबाद : मिसेज इंडिया फोटोजेनिक निधि जायसवाल ने बच्चों संग बांटीं दिवाली की खुशियां