Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) धैया रानीबांध में 22 दिसंबर गुरुवार को श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना से की गई. पूज्य महाराज ने सभी भक्तजनों को राधे तेरा घर अंगना फूलों सा महकता है” भजन गा कर मंत्रमुग्ध कर दिया. सभी भक्तों को भी साथ में गाने के लिए प्रेरित किया.
कथा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में दो सबसे प्रिय पुराण रामायण और श्रीमद् भागवत है. रामायण हमें जीना सिखाती है और भागवत हमें मरना सिखाता है. जीवन जीना सीख लिया तो कल्याण है और अगर जीवन जीना नहीं सीख पाए, तो मरना ही सीख लो कैसे मरना चाहिए. हमें ऐसी मृत्यु नहीं चाहिए, जिसके बाद कई बार मरना पड़े. ऐसे मरो कि दुबारा मरना न पड़े. ऐसी मृत्यु सिर्फ मनुष्य योनि में ही मिल सकती है. इस मृत्यु को सुधारा कैसे जाए ये भागवत सिखाता है.
आंख, कान और वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए
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हमें तीन चीजों आंख, कान और वाणी पर हमेशा नियंत्रण रखना चाहिए. ये तीनों पाप के द्वार है. जिन्हें अपनी आंखों पर नियंत्रण नहीं है, वे आंखों से पाप करते हैं. नियंत्रण नहीं है, तो कान से पाप करते हैं. नियंत्रण नहीं होगा तो वाणी से भी पाप करते हैं. आंखों पर नियंत्रण नहीं है तो कुछ भी देखते हैं, नियंत्रण नहीं तो कुछ भी सुनते हैं और कुछ भी बोलते हैं.
भक्तों ने धूमधाम से मनाया श्री कृष्ण जन्मोत्सव
इसके बाद सभी भक्तों ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया. पूरा धैया वृंदावन के रंग में रंग गया. कथा सफल करने वाले में अशोक गुप्ता व उनकी पत्नी, श्रीमती सुधा गुप्ता, मुरली मनोहर अग्रवाल, वीरेन्द्र भगत केदारनाथ मित्तल, श्याम पांडे, रमेश राय,मिहिर दत्ता, टिंकू सरकार, पप्पू सिंह, रंजीत जायसवाल, अमृत सिंह, गोपालनाथ नंदू रजक, प्रकाश दे, झूलन सिंह, राजेन्द्र रजक, गोपाल नाग, सुदीप दत्ता, मोनू दीपक, रितेश, संतोष आदि जुटे हुए हैं. श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन भगवान कृष्ण की बाललीला, गोवर्धन पूजा व छप्पन भोग का वृत्तांत सुनाया जाएगा.