Nirsa : मैथन एरिया 5 में दो अप्रैल से शुरू होने वाले शतचंडी महायज्ञ प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए किन्नर समाज जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भवानी नंद गिरि मां शुक्रवार 1 अप्रैल को मैथन पहुंची. विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि धर्म को जाति में ना बांटो, धर्म ज्ञान एवं आत्मा को जागृत करता है. यज्ञ हमारी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान है. इसमें विश्व कल्याण की कामना की जाती है.
उन्होंने कहा कि यूक्रेन एवं रूस की लड़ाई में मानवता का हनन हो रहा है. अपनी इच्छा पूर्ति के लिए मासूम लोगों की बलि चढ़ाई जा रही है. यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि यज्ञ के जरिये युद्ध रुकने एवं विश्व कल्याण की कामना की जाएगी. भवानी मां ने कहा कि कोरोना महामारी ने विश्व को बहुत नुकसान पहुंचाया है. यज्ञ में उसकी भी आहुति दी जाएगी. भवानी मां जूना अखाड़े के किन्नर समाज के साथ 2 अप्रैल को शतचंडी महायज्ञ की कलश यात्रा में शामिल होंगी.
मालूम हो कि मैथन एरिया नंबर 5 में नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ शाह प्राण प्रतिष्ठान में कामाख्या के जूना अखाड़ा से संबंधित किन्नर समाज के दर्जनों संत पधार रहे हैं. यज्ञ में संयोजक के रूप में अयोध्या के श्री श्री 108 श्री बाबा बालक भी शामिल हैं. 9 दिवसीय यज्ञ में हर दिन भक्ति की बयार बहेगी.
इस बीच आयोजकों द्वारा सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मैथन के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में किन्नर समाज के संतों का समागम हो रहा है. यज्ञ को लेकर लोगों में भी रोमांच है. रात्रि में प्रतिदिन अयोध्या के दीदी नर्मदेश्वरा जी द्वारा प्रवचन होगा. यज्ञ को सफल बनाने में प्रमिला देवी, सुदेश सिंह, मुनचुन पासवान, रंजीत झा ,अजय सिंह ,बबलू चौधरी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुटे हैं.
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