Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) अगलगी की घटना के तीसरे दिन 3 फरवरी शुक्रवार को शक्ति मंदिर स्थित आशीर्वाद टावर के फ्लैट के बाशिंदों के लिए A विंग खोल दिए गए हैं. हालांकि B विंग में रहने वाले लोग अब भी होटल, गुरुद्वारा में रह रे हैं. कुछ लोगों अपने सगे संबंधियों के घर को ठिकाना बना लिया है. A विंग फ्लैट के बाशिंदे वापसी कर तो रहे हैं, मगर उनके बीच दहशत बरकरार है. फ्लैट बाशिंदों के अलावा अन्य लोगों को शर्तों के साथ अंदर जाने की इजाजत दी जा रही है. बाशिंदों की मानें तो हृदय विदारक घटना की याद उनके जेहन में जम सी गई है. वे यादें भुलाये नहीं भूलती. है. प्रत्यक्षदर्शियों व कुछ पीड़ित परिवारों ने उस दिन का दिल दहला देनेवाला हाल सुनाया.
खाये जा रहा दो बेटियों, नाती व पोती की मौत का गम
आशीर्वाद टावर अग्निकांड में मृत सभी लोग एक ही परिवार से संबंध रखनेवाले थे. आग फैलती हुई उस फ्लैट तक पहुंच गई, जिसके घर में बेटी की शादी थी. घर मेहमानों से भरा पड़ा था. बिहार के फतेहपुर से आए परिवार के चार सदस्य इस हादसे के शिकार हो गए. उस परिवार की महिला सदस्य सिर्फ रो रही हैं. बताती है कि परिवार तो खत्म हो गया. दो बेटियों, नाती व एक पोती की मौत हो गयी. अब किसको ‘बेटा-बेटी’ कह कर पुकारेंगे, कौन मेरी खोज-खबर लेगा.
पल भर में सब कुछ स्वाहा हो गया
दुल्हन की बुआ रंजीता देवी के अनुसार खुशियों पर ग्रहण लग गया. किसी को क्या मालूम था कि आज एक साथ कई परिवार उजड़ जाएंगे. क्या मालूम था कि एक दीया घरों का चिराग बुझा देगा. यह मंजर मरते दम तक भुलाया नहीं जा सकता. वह कहती हैं कि बड़े अरमान और तैयारी के साथ उनका भाई बेटी की शादी कर रहा था. पल भर में सब कुछ स्वाहा हो गया.
मां अगर साथ में बाजार जाती तो आज भी साथ होती
अपनों को खोने का दर्द लिए सामान्य दिखने की कोशिश करने वाली सोनी देवी की मां अब इस दुनिया में नहीं रही. जुबान लड़खडा रही है, आंख में आंसू है. वह बताती हैं कि वह खुद बाजार गई थी. मां को भी साथ चलने को कहा था. मगर वह नहीं गई. साथ चली आती तो आज वह मेरे साथ होती. वह कहती हैं कि एक साथ परिवार में कितने लोगों का मातम मनाएं. परिवार व रिश्तेदारों सहित 14 सदस्यों को एक साथ खोने से बड़ा दुख क्या हो सकता है. ऐसा दुःख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
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